• April 20, 2024 3:15 pm

आत्मनिर्भर भारत अभियान: जिलों के उत्पाद तय- उद्योग बढ़ाने पर सरकार देगी अनुदान

By

Feb 11, 2021
यूपी में एक केस मिलते ही 20 मकान होंगे सील-कोरोना संक्रमण को लेकर सीएम योगी ने जारी किया आदेश

आत्मनिर्भर भारत के तहत खाद्य उद्यम को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (पीएम फॉरमलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजेज-PM FME) शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत ‘वोकल फोर लोकल’ को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ‘एक जिला एक उत्पाद’ की तर्ज पर सूबे 75 जिलों के लिए 75 खाद्य उत्पाद तय कर दिए हैं। इस योजना के अंतर्गत असंगठित खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर को आर्थिक, तकनीकी मदद के साथ प्रशिक्षण प्रदान कर न केवल रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे बल्कि उत्पाद की ब्रांडिंग, मार्केटिंग और विपणन में मदद देकर इन्हें मुनाफा वाली इकाईयों में तब्दील किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में चुने गए 75 प्रोडक्ट
एक जिला एक उत्पाद की तर्ज पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सूबे के 75 जिलों के लिए खाद्य प्रसंस्करण के लिए 75 उत्पाद तय किए हैं। इनकी पहचान कच्चे माल की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए की गई है। इन उत्पादों का प्रोडक्शन करने वाले उद्योगों को प्राथमिकता के आधार पर मदद मिलेगी।योजना के अंतर्गत दूध के उत्पाद-अलीगढ़, बरेली, बुलंदशहर, कानपुर देहात चुने गए। जौनपुर और मथुरा ओरैया एवं कासगंज घी के लिए चुने गए।

हरी मिर्च के लिए वाराणसी, देवरिया, आम-अमरोहा, लखनऊ, सीतापुर, उन्नाव, मेंथा-बाराबंकी, रामपुर, संभल, सुल्तानपुर,कालानमक चावल-बस्ती, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, संतकबीरनगर ,टमाटर-चंदौली, मीरजापुर, सोनभद्र, बेकरी के लिए गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, कानपुर नगर, शहद के लिए मुरादाबाद, सहारनपुर चुने गए है। हाथरस की हींग, हमीरपुर की मछली, आजमगढ़ की तुलसी, बलिया की मसूर, इटावा का सरसों, बलरामपुर का मक्का, चित्रकूट एवं महोबा के आयल सीड एटा का कासनी भी इसमें शामिल है।

कुशीनगर में केला, देवरिया में मिर्च, प्रयागराज में अमरूद, वाराणसी में मिर्च, लखनऊ में आम, मुरादाबाद में शहद, इटावा से सरसों, मैनपुरी से लहसुन, हाथरस से हींग, जालौन से मटर, हरदोई के मूंगफली आदि शामिल हैं।

पीएम-एफएमई योजना के तहत होंगे ये काम
मौजूदा छोटे फ्रूड प्रोसेसिंग उद्योगों को फाइनेंस, तकनीक और अन्य तरह की मदद पहुंचाने के लिए केन्‍द्र प्रायोजित पीएम फॉर्मलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोससिंग इंटरप्राइज (पीएम एफएमई) योजना के अंतर्गत 2020-21 से 2024-25 तक सबे में 6000 करोड़ रुपये के खर्च किए जाएंगे। इस योजना के खर्च होने वाली धनराशि में 60 फीसदी केंद्र और 40 फीसदी प्रदेश सरकार की हिस्सेदारी होगी। सरकार का मानना है कि इस योजना से 2 लाख लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा।

35 प्रतिशत क्रेडिट-लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का मिलेगा फायदा
छोटी फूड प्रोसेसिंग उद्योग इस योजना के तहत 35 प्रतिशत क्रेडिट-लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का फायदा ले सकते हैं।एक इकाई को ज्यादा से ज्यादा 10 लाख रुपये तक की मदद की मिलेगी। इसमें इकाई लगाने वाले की हिस्सेदारी सिर्फ 10 फीसद की होगी। परियोजना की लागत में भूमि की कीमत नहीं जोड़ी जाएगी। योजना के तहत पात्र होने के लिए संचालक की उम्र 18 साल से अधिक की उम्र होनी चाहिए। पंजीकरण की सारी प्रकिया एमआईएस के पोर्टल पर होगी। एक परिवार का एक ही व्यक्ति इससे लाभान्वित हो सकेगा। इकाई उसके नाम से होनी चाहिए। राज्य या क्षेत्रीय स्तर पर 50 फीसदी अनुदान के साथ छोटे उद्योगों और समूहों के लिए ब्रांड विकसित करने,मार्केटिंग और ब्रांडिंग के लिए सहायता मिलेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *