26 नवंबर 2022 | प्रदेश में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के पिछले छह चरणों के अच्छे नतीजे आए हैं। प्रदेश में वर्ष-2018 में वार्षिक परजीवी सूचकांक (एपीआइ दर) 2.63 था, जो अभी घटकर 0.92 पर आ गया है। छटवें चरण में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सात लाख छह हजार घरों में जाकर 33 लाख 96 हजार 998 लोगों की मलेरिया जांच की थी। महामारी नियंत्रण के संचालक डा. सुभाष मिश्रा ने तेज बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, उल्टी, ठंड लगने, चक्कर आने, शरीर पर दाने दिखने, नाक से खून आने जैसे लक्षण होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करवाने की सलाह दी है, ताकि शीघ्र बेहतर उपचार किया जा सके। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत डालें। मच्छर न पनप सके, इसके लिए घर के आसपास साफ-सफाई रखें।
मच्छरों को पनपने से रोकने के उपाय
मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के तहत मलेरिया की जांच और इलाज के साथ ही इससे बचाव के लिए जन-जागरूकता संबंधी गतिविधियां भी चलाई जाएंगी। इस दौरान लोगों को रोज मच्छरदानी के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। साथ ही घरों के आसपास जमे पानी और नालियों में डीडीटी या जले हुए तेल का छिड़काव किया जाएगा। घर के आसपास स्वच्छता बनाए रखने और मच्छरों को पनपने से रोकने के उपाय भी लोगों को बताए जाएंगे।
घर के आसपास साफ-सफाई रखी जाये
संचालक, महामारी नियंत्रण, डॉ. सुभाष मिश्रा ने तेज बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द, उल्टी, ठंड लगने, चक्कर आने, शरीर पर दाने दिखने, नाक से खून आने जैसे लक्षण होने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करवाने की सलाह दी है, ताकि शीघ्र बेहतर उपचार किया जा सके। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी लगाकर सोने की आदत डालें। मच्छर न पनप सके, इसके लिए घर के आसपास साफ-सफाई रखें।
सोर्स :-“नईदुनिया”