भोपाल में स्व सहायता समूह (women self-help groups) को और मजबूत बनाने के लिए शिवराज सरकार ने कुछ और बड़े ऐलान किये हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंस में स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के वचुअर्ल क्रेडिट कैम्प में 150 करोड़ रुपये की ऋण राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से ट्रांसफर की. इस दौरान उन्होंने कहा मध्यप्रदेश सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता महिलाओं का सशक्तीकरण है.
सीएम शिवराज ने कहा-सरकार उन्हें विभिन्न गतिविधियों के लिए 4 प्रतिशत ब्याज पर बैंकों से ऋण दिला रही है. बाकी ब्याज राशि मध्यप्रदेश सरकार भर रही है. इस वर्ष महिलाओं को उनकी आर्थिक गतिविधियों के लिए 1400 करोड़ की राशि दिलाई जा रही है. इसी के साथ निर्णय लिया गया कि सरकारी खरीद का एक हिस्सा महिला स्व-सहायता समूहों के उत्पादों का होगा. उनका बनाया सामान शहरों में “मॉल्स” में भी रखा जाएग.
30 लाख महिलाओं को स्व-सहायता समूह से जोड़ा जायेगा
मुख्यमंत्री ने कहा मध्यप्रदेश में वर्तमान में 35 लाख महिलाएं स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हैं. ये अलग-अलग तरह की आर्थिक गतिविधियां चला रही हैं. इस बार बहनों को स्कूल ड्रेस बनाने का काम दिया गया है. कई जगह रैडी टू ईट पोषण आहार बनाया जा रहा है. हमें इस साल 30 लाख और महिलाओं को ट्रेंड करके स्व-सहायता समूहों से जोड़ना है.ये महिलाएं “लोकल को वोकल बनाएंगी” और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का निर्माण करेंगी.
10 हजार रुपए की आय है लक्ष्य
कार्यक्रम में शामिल हो रहे पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया ने कहा कि प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाने के लिए सरकार अधिक से अधिक सहायता कर रही है. हमारा लक्ष्य है कि स्व-सहायता समूहों की प्रत्येक महिला को कम से कम 10 हजार रुपये की मासिक आमदनी हो सके.