कुशीनगर: पूर्वांचल में गन्ने की फसल पर इतराने वाले कुशीनगर के किसानों की फसल पानी में डूबने से बर्बाद हो गई। लगभग नौ हजार हेक्टेयर गन्ने की फसल जिसकी अनुमानित कीमत 141 करोड़ 75 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। सर्वाधिक उन क्षेत्रों में फसल को नुकसान हुआ है, जहां पानी लगने के बाद जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं थी। इससे प्रभावित किसान अब खेत में सूख चुके गन्ने की कटाई कर गेहूं की बोआई करने में लगे हैं। विभागीय सर्वे में हुई पुष्टि
बारिश के पानी से गन्ना की फसल की हुई क्षति का आकलन विभागीय सर्वे में हुआ। नौ हजार हेक्टेयर गन्ने की फसल खड्डा, सेवरही, कप्तानगंज, रामकोला व ढाढ़ा चीनी मिल परिक्षेत्र के गांवों में बर्बाद हुई है। विभाग का मानना है कि सामान्य तौर पर प्रति हेक्टेयर में 500 क्विटल गन्ना आपूर्ति लायक होती है। जिन किसानों की फसल का नुकसान हुआ है उसमें सामान्य, रिजेक्ट प्रजाति व अर्ली वेराइटी की भी फसल शामिल है। कुल मिलाकर 45 लाख क्विंटल गन्ना बर्बाद हुआ है। वर्तमान समय में गन्ने का रेट 315 रुपये प्रति क्विटल है। किसानों को नहीं मिली क्षतिपूर्ति
गन्ना की फसलों को हुए नुकसान को लेकर न विभाग गंभीर हुआ और न ही जनप्रतिनिधियों ने इसके लिए कोई पहल की। यही कारण है कि किसानों को हुई क्षति की भरपाई नहीं हुई। इससे किसानों की चिता बढ़ गई है। किसानों ने बताई पीड़ा
बड़े काश्तकारों में राजा महेश्वर प्रताप शाही, सुनील मिश्र, सुरेंद्र राय, विश्वनाथ सिंह पटेल, देवेश मिश्र का कहना है कि क्षति पूर्ति दिलाने के लिए गन्ना विभाग के साथ उच्चाधिकारियों को पत्रक भेजा गया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। जनप्रतिनिधियों ने इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया। बारिश के पानी से गन्ने की फसलों को इस बार काफी नुकसान पहुंचा है। अतिवृष्टि के कारण सभी मिल क्षेत्रों में नौ हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की फसल सूख गई, जिसकी अनुमानित कीमत 141 करोड़ 75 लाख रुपये है। इसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
वेद प्रकाश सिंह, जिला गन्ना अधिकारी, कुशीनगर