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इतिहास रचेगा सूरत:जापान से आने वाली बुलेट ट्रेन की अगवानी करेगा सूरत, समुद्री रास्ते से भारत पहुंचेगा पहला सेट

ByPrompt Times

Oct 20, 2020
इतिहास रचेगा सूरत:जापान से आने वाली बुलेट ट्रेन की अगवानी करेगा सूरत, समुद्री रास्ते से भारत पहुंचेगा पहला सेट

देश की पहली बुलेट ट्रेन का पहला डेस्टिनेशन सूरत होगा। जापान से आने वाली बुलेट ट्रेन की अगवानी कर सूरत नया इतिहास रचेगा। देश की सबसे महत्त्वाकांक्षी परियोजना हाई स्पीड बुलेट ट्रेन (शिंकासेन ट्रेन सेट) का पहला सेट पानी के रास्ते (समुद्री मार्ग) से सूरत पहुंचेगा। इसके लिए जापानी शिंकासेन प्रणाली की तर्ज पर सूरत में बुलेट ट्रेन का रोलिंग स्टॉक मेंटेनेंस डिपो बनाया जाएगा।

डिपो जापान से शुरुआती ट्रेन सेट प्राप्त करेगा। इनमें बुलेट ट्रेन के संचालन के लिए मूलभूत सुविधाएं होंगी। नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के विश्वस्थ सूत्रों ने भास्कर से इसकी पुष्टि की है।

उल्लेखनीय है कि 23 सितंबर को नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन (एनएचएसआरसी) ने मुंबई-अहमदाबाद के 508 किमी हाई स्पीड रेल परियोजना के सबसे बड़े 47% हिस्से के वापी-बिलिमोरा-सूरत और वडोदरा के बीच 237 किमी कॉरिडोर बनाने की तकनीकी बिड जारी की थी। 25 सितंबर को वडोदरा से अहमदाबाद के बीच 88 किमी मार्ग की तकनीकी बिड जारी कर गुजरात में बुलेट ट्रेन की स्थिति स्पष्ट कर दी थी। इसके अलावा अहमदाबाद और साबरमती हाई स्पीड रेल स्टेशन का भी टेंडर जारी हुआ है। वापी से अहमदाबाद तक रूट निर्माण में 11 कंपनियां आई हैं।

पहली अगवानी: सूरत नियोल डिपो करेगा

{सूरत में बने वाला बुलेट डिपो शुरुआती ट्रेन सेट प्राप्त करेगा, जिसमें इसके शेड, भवन ऐसे डिजाइन किए जाएंगे, जिससे भविष्य में यहां सोलर पैनल लगाए जा सकेंगे। {यहां मेंटेनेंस के लिए 8 स्टेब्लिंग लाइन और तीन पिट लाइन की व्यवस्था रहेगी, जहां ट्रेनों की मरम्मत हो सकेगी। यहां बुलेट ट्रेन की एक बार में पांच जोड़ी रेक खड़ी की जा सकेंगी।

कब आएगी.. जब अलाइनमेंट का काम पूरा हो चुका होगा

एनएचएसआरसीएल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जापान से शुरुआती ट्रेन सेट कैसे आएगा यह कहना जल्दबाजी होगी, योजना समुद्री मार्ग से लाने की है। शिंकासेन ट्रेन सेट जापान से तब लाएंगे जब अलाइनमेंट का काम हो जाएगा। इसमें अभी क्या कुछ और होना है, क्या बदलाव करना है इस पर आगे निर्णय लिया जाएगा।

ऐसा बनेगा

डिपो को बेहतर वातावरण प्रदान करने के लिए शोर नियंत्रण, धूल दमन और उचित वेंटिलेशन वाला डिजाइन किया जाएगा। एलईडी आधारित कृत्रिम प्रकाश व्यवस्था के अलावा प्राकृतिक प्रकाश भी रहेगा। आधुनिक सामग्री हैंडलिंग और भंडारण प्रणाली (इन्वेंट्री प्रबंधन के साथ) प्रदान की जाएगी। डिपो को कार्यभार और भविष्य के विस्तार के मद्देनजर पर्याप्त भूमि के साथ डिजाइन किया गया है।

शिंकासेन डिपो की तर्ज पर निर्माण

बुलेट ट्रेन के लिए गुजरात क्षेत्र में टेंडर संबंधी काम लगभग हो चुके हैं। रूट में तीन मेंटेनेंस डिपो बनाए जाने हैं। सूरत का डिपो 40 हैक्टेयर क्षेत्र में बनाया जाना है। यह पहला डिपो होगा जो जापान से शिंकासेन बुलेट की शुरुआती ट्रेन सेट प्राप्त करेगा। यह अपने आप में मॉडर्न और एडवांस डिपो बनेगा। इसकी डिजाइन जापानी शिंकासेन डिपो के अनुभव के आधार पर तैयार की जा रही है।

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