भोपाल। प्रदेश में बारिश से फसलों को होने वाले नुकसान का सर्वे कराया जाएगा। कृषि, राजस्व और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की टीम यह काम करेगी। फसल कटाई प्रयोग के आधार पर राजस्व पुस्तक परिपत्र आरबीसी के तहत मुआवजा दिया जाएगा और फसल बीमा भी मिलेगा। सरकार ने अब फसल बीमा कराने के लिए अंतिम तारीख 31 अगस्त कर दी है।
पूर्व में तय 17 अगस्त की अंतिम तारीख बीत चुकी है। सभी जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के माध्यम से सहकारी समितियों को कहा गया है कि वे अपने सदस्यों के अलावा गैर ऋणी सदस्यों को भी बीमा कराने के लिए प्रेरित करेंगे। यह बात कृषि मंत्री कमल पटेल ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस में कही।
किसानों की कर्जमाफी से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि इसको लेकर विचार किया जाएगा। बजट में दो हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की। किसानों की कर्जमाफी के आदेश जारी किए लेकिन उन्हें इसका लाभ नहीं मिला।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए जो राज्यांश सरकार को जमा करना था वो नहीं किया। इसकी वजह से किसानों को 2018 का फसल बीमा नहीं मिला। सत्ता में आते ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2200 करोड़ रुपये का प्रीमियम जमा करवाया और 16 लाख से ज्यादा किसानों को 3100 करोड़ रुपये का बीमा लाभ मिला। जल्द ही किसानों को वर्ष 2019-20 का फसल बीमा (लगभग साढ़े चार हजार करोड़ रुपये) दिलाया जाएगा।
कोरोना संक्रमण की वजह से किसान की परेशानी को देखते हुए सरकार ने प्रीमियम जमा करने की अंतिम तारीख 17 अगस्त से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है। पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आत्मनिर्भर भारत के तहत कृषि अधोसंरचना कोष का गठन किया है। इसका अधिकतम लाभ मध्य प्रदेश के किसानों को दिलाया जाएगा।’आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश ‘ का रोडमैप भी लगभग तैयार है। यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए विक्र्रय केंद्रों की जांच का अभियान जारी रहेगा।
भाजपा का ही बनेगा विस अध्यक्ष
पटेल ने विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि अब कांग्रेस कहीं नजर नहीं आएगी। एक-एक कर के उसके विधायक और नेता साथ छोड़ रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष भाजपा से ही होगा। लॉकडाउन के दिन प्रेस कांफें्रस पर उठे सवाल कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए रविवार को पूरे प्रदेश में पूर्ण लॉकडाउन रखा जा रहा है। ऐसे में कृषि मंत्री की प्रेस कांफ्रेंस को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल, एक के बाद एक मंत्री कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव के बाद अब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। मंत्रालय में भी अब तक 37 अधिकारी-कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने बीते मंगलवार को सभी मंत्रियों को निर्देश दिए थे कि भीड़ से बचें और वीडियो कॉन्फें्रसिंग के माध्यम से बैठकें करें, लेकिन इसकी अनदेखी की जा रही है।