वाराणसी/ किसी भी क्षेत्र में कामयाब होने के लिए मेहनत, लगन और विश्वास अहम होते हैं। इस पर यकीन करें और मेहनत जारी रखें तो निश्चित की तरक्की की पटरी पर कारोबार की गाड़ी फर्राटा भरने लगेगी। यह साबित किया है क्षीर सागर ने, जहां के मिष्ठान व नमकीन पर लोग आंख मूंद कर भरोसा करते हैं। एक दुकान से शुरू हुआ सफर अब आठ शाखाओं तक आ पहुंचा। कोरोना काल की चुनौतियों से जूझने के बाद जैसे ही थोड़ी रियायत मिली, इसके स्वाद की तासीर लेने वालों का तांता लग गया।
60 के दशक में जब मिष्ठान की दुकान को बिजनेस के लिहाजा से बहुत अवसर वाला नहीं माना जाता था, स्व. विजय कुमार यादव ने सोनारपुरा क्षेत्र में इस प्रतिष्ठान की नींव रखी। उनके पुत्र अनूप कुमार यादव बचपन में पढ़ाई के साथ पिता जी का हाथ बंटाने अक्सर दुकान पर पहुंच जाते थे। कम उम्र में ही उन्हें अपने प्रतिष्ठान में बनने वाले उत्पादों की गुणवत्ता और उनके स्वाद की परख करने में महारत हासिल हो गई। 2010 में जब पिता ने मुकम्मल बागडोर अनूप को दी, तो उन्होंने क्षीर सागर-सोनारपुरा की एक के बाद एक कुल आठ शाखाएं खोल दी।
मुश्किल दौर में खोली आठवीं शाखा
इस मुश्किल दौर में जहां लोगों के लिए अपना प्रतिष्ठान चलाना मुश्किल हो रहा है। वहीं अनूप यादव ने मुगलसराय में अपने प्रतिष्ठान की आठवीं शाखा विगत 22 सितंबर को शुरू की। यहां भी क्षीर सागर की गुणवत्ता और स्वाद के प्रति लोगों की दीवानगी दिखी। यही कारण है कि एक महीना भी नहीं बीता और उम्मीद से बेहतर ब्रिकी होने लगी है।
आपदा में तलाशे अवसर, घर-घर पहुंचाया पैक्ड दूध
कोरोना काल में लोगों की जरूरतों को देखते हुए अनूप में सुपुत्र शिखर यादव दुकान से पैक्ड दूध की होम डिलेवरी का आइडिया लेकर आए। मोबाइल पर आर्डर और पेमेंट लेकर घर-घर उच्च गुणवत्ता वाला दूध पहुंचाया जा रहा है।
स्वाद और गुणवत्ता से नहीं कोई समझौता
आज के दौर में जब केमिकल युक्त दुग्ध उत्पाद से बाजार पटे पड़े हैं, ऐसे में लोगों का भरोसा जीतना बेहद मुश्किल काम है। मगर क्षीर सागर ने स्वाद और गुणवत्ता के मामले में न केवल लोगों का विश्वास जीता, बल्कि उनके दिल भी जीते।
चल रहा है स्वाद का जादू
वर्तमान में क्षीर सागर की आठों ब्रांच में करीब 150 कर्मचारी व कारीगर काम कर रहे हैं। लाकडाउन में जो कर्मी अपने घर नहीं जा पाए, उनके रहने व भोजन आदि का पूरा प्रबंध किया गया। जब थोड़ी छूट मिली तो कारखाने के साथ ही दुकान को रोजाना सैनिटाइज करते हुए शारीरिक दूरी नियम का पालन सुनिश्चित कराया गया। लोगों के जहन में यहां के स्वाद का जादू तरो-ताजा है। यही कारण है कि प्रतिष्ठान खुलते ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा।
कच्चे सौदे में उम्मीद से बेहतर बिक्री
अनूप के मुताबिक मिठाई कच्चा सौदा है। लाकडाउन के बाद दुकान खोलने के लिए बहुत ही सीमित समय मिल पाता था, जिसमें नुकसान होने का अंदेशा था। मगर उपभोक्ताओं के स्नेह के कारण अधिक समस्या नहीं हुई। अब रविवार को भी दुकान अथवा प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति मिल गई है, तो कोई दिक्कत ही नहीं। ग्राहकों का हम पर अटूट भरोसा है। यही कारण है कि मुश्किल दौर से उबरने के बाद उम्मीद से बेहतर बिक्री हो रही है। उनके ही बूते हम कारोबार को धार दे रहे और उन तक पहुंचने के लिए शाखाएं भी खोली जा रही हैं।
अनुभव व ऊर्जा का समन्वय
दुकान संभालने में पिता का साथ देने के साथ ही अनूप पढ़ाई में भी बेहतर थे। राजकीय क्वींस इंटर कालेज से 12वीं करने के बाद बीएचयू में बीकाम में दाखिला लिया। स्नातक करने के बाद एमकाम में दाखिला लिया, लेकिन पढ़ाई मुकम्मल नहीं कर सके। उनकी एक पुत्री अनुष्का यादव व पुत्र शिखर यादव हैं। कारोबार में अब शिखर भी पिता की मदद करने लगे हैं। इस तरह कारोबार में अनूप यादव के साथ दो पीढिय़ों का अनुभव है तो शिखर के रूप में नई ऊर्जा। दोनों के समन्वय से कारोबार को तकनीक व नई सोच के साथ बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसमें निरंतर सफलता भी मिल रही है।
क्षीर सागर के मिष्ठान
– रसगुल्ला
– रसमलाई
– छेना पायस
– मलाई चाप
– क्षीर कदम
– काजू बर्फी
– काजू फ्लेवर बर्फी
– काजू केसर बर्फी
क्षीर सागर के नमकीन :
– बादशाही नमकीन
– काजू मिक्चर- मसाला काजू
– देशी चना