23 नवम्बर 2021 | दुनिया के हर इंसान के लिए उसकी नागरिकता उसके जीवन को जीने का आधार होता है. शख्स को जिस देश की नागरिकता मिलती है, वो उस देश के कानून और नियमों (Citizenship Rules) से बंध जाता है. साथ ही नागरिकता के आधार पर उसे देश में मिलने वाली सारी सुविधाएं मिल पाती है. बिना नागरिकता के इंसान किसी देश में कई रूल्स से बंधा रहता है. इसके बाद उसे वीजा के आधार पर अपना स्टे पूरा करना पड़ता है. अगर किसी इंसान ने भारत में जन्म लिया है तो उसे पूरा हक़ है भारत की नागरिकता पाने का. भले ही उसके मां-बाप एक पास यहां की नागरिकता ना हो. लेकिन अगर कोई हवा में पैदा हो तब उसे आखिर किस देश की नागरिकता मिलेगी?
इस बात को ऐसे समझिये. भारत से कोई प्रेग्नेंट महिला हवाई जहाज में बैठकर अमेरिका जा रही है. अचानक प्लेन में उसे लेबर पेन शुरू हो जाता है. अब वो किसी देश में नहीं, बल्कि आकाश में है. वहां पैदा हुआ बच्चा फिर भारत का नागरिक होगा या अमेरिका का? इस सवाल का जवाब काफी पेचीदा है और कई बातों पर आधारित है. इस बात का फैसला इस आधार पर किया बच्चे के जन्म के समय प्लेन किस देश की सीमा में है. अगर प्लेन अमेरिका या इंडिया इसके अलावा किसी दूसरे देश की सीमा में भी है, तो बच्चे के पेरेंट्स उस देश की नागरिकता मांग सकते हैं.
वहीं, अगर प्लेन अमेरिका की सीमा में है तो एयरपोर्ट पर उत्तर कर भारतीय मां-बाप अपने बच्चे के लिए अमेरिकी नागरिकता का सर्टिफिकेट ले सकते हैं. वहीं अगर मामले को उलटा कर दें और अमेरिका से भारत आ रही विदेशी महिला ने अगर भारतीय सीमा में बच्चे को जन्म दिया है तो वो भी अपने बच्चे के लिए भारत की नागरिकता मांग सकता है. हालांकि, इसके बाद बच्चे को अमेरिका की नागरिकता नहीं मिल पाएगी क्यूंकि भारत में सिंगल सिटिजनशिप का कांसेप्ट चलता है.
नागरिकता के इस पेंच को पेचीदा ना बनाने के लिए भारत के एयरलाइन्स में कई रूल्स हैं. भारत में 7 महीने से ज्यादा की गर्भवती को हवाई यात्रा करने से रोका जाता है. किसी विशेष परिस्थिति में ही महिला हवाई जहाज से ट्रेवल करती है. हर देश में नागरिकता को लेकर अलग-अलग कानून हैं. इसी कानून के आधार पर लोग अपने बच्चे के लिए नागरिकता डिमांड करते हैं.
Source :-“न्यूज़18 हिंदी”