• April 20, 2024 4:48 pm

समंदर में तैरता हुआ सपनों का शहर, 2025 तक बनकर हो जाएगा तैयार

25  नवम्बर2021 | World’s First Floating City : इंजीनियरिंग के मामले में दुनिया (World Class Engineering) आगे से आगे तरक्की करती जा रही है. अब इसी सिलसिले में अगले 3 साल के अंदर एक ऐसा शहर भी बनकर तैयार हो जाएगा, जहां लोग बहते हुए समंदर (Floating City) में अपना आशियाना बसा सकेंगे. इस प्रोजेक्ट को दक्षिण कोरिया (South Korea) के बुसान कोस्ट (Busan Coast) पर तैयार किया जा रहा है. इस अनोखे प्रोजेक्ट को यूनाइटेड नेशंस (United Nations) की ओर से भी हरी झंडी मिल गई है. इसे Oceanix Company की तरफ से बनाया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि शहर पर बाढ़ (Flood Proof Floating City) का कोई असर नहीं होगा.

Daily Mail की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया का पहला समंदर पर तैरता हुआ शहर दक्षिण कोरिया में साल 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा. यहां रहने वाले लोगों की ज़िंदगी पर समंदर का जलस्तर बढ़ने का भी कोई असर नहीं होगा.

यूनाइटेड नेशंस की ओर से समर्थन प्राप्त तैरते हुए शहर के प्रोजेक्ट को फ्लड प्रूफ बनाया जाएगा. यहां कुछ कृत्रिम आइलैंड्स होंगे, जहां जलस्तर बढ़ने से कोई रिस्क नहीं होगा. इसके अलावा कैटगरी 5 के तूफानों को भी ये शहर झेल सकेंगे.

इस शहर में सोलर पावर से अपनी बिजली बनेगी. इसके लिए इमारतों पर सोलर पैनर लगाए जाएंगे. यहां खुद ही भोजन के लिए ज़रूरी उत्पादन किया जाएगा और ताज़ा पानी उपब्ध कराया जाएगा. दो आइलैंड्स के बीच आने-जाने के लिए लोग बोटपॉड्स का इस्तेमाल करेंगे.

इस शहर को बनाने के प्रोजेक्ट में $200 मिलियन यानि करोड़ों रुपये लगाए जा रहे हैं. इसके लिए बुसान मेट्रोपॉलिटन सिटी, यूएन हैबिटेट और न्यूयॉर्क के डिज़ाइनर्स Oceanix एक साथ आए हैं. अभी ये बात साफ नहीं है कि लोगों को यहां लाकर बसाया जाएगा या फिर वे इसके लिए खुद रेंट देंगे.

Oceanix की तरफ से बताया गया है कि इस पर काम जारी है. बुसान के नॉर्थ पोर्ट को इसके लिए चुना जा रहा है. यूएन हैबिटेट के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर का कहना है कि पानी से लड़ाई लड़ने के बजाय अब उसके साथ शांति से रहना सीखना होगा.

आइलैंड्स हैक्सागन शेप में होंगे और इन पर लाइमस्टोन की कोटिंग होगी, जो कंक्रीट से तीन गुना ज्यादा मजबूत होते हैं. हर प्लेटफॉर्म के नीचे पिंजरा सा होगा, जो प्लांट फर्टिलाइज़ करने के काम आएगा. यहां रहने वाले लोगों को प्लांट बेस्ड डायट पर रहना होगा. यहां एयरोपोनिक और एक्वापोनिक सिस्टम से चीज़ें पैदा की जाएंगी.

अभी शहर कितना बड़ा होगा, ये नहीं कहा जा सकता. हालांकि ये 75 हेक्टेयर से ज्यादा के इलाके में होगा और इसमें 10 हज़ार लोगों को रखने की व्यवस्था रखी जाएगी. यहां बनने वाली इमारतों को भी 7 मंज़िल से ज्यादा ऊपर नहीं रखा जाएगा.

Source :-“न्यूज़18 हिंदी”

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