- प्रदेश की कांग्रेस सरकार कोरोना की रोकथाम में पूरी तरह विफल, अब जनता तक जाकर उनके हितों से जुड़ने में हमारी भूमिका अहम : भाजपा
- भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने ली भाजपा सांसदों एवं विधायकों की बैठक, कहा- प्रजा अहितकारी प्रदेश कांग्रेस सरकार को देना होगा क़रारा ज़वाब : पुरन्देश्वरी
- डॉ. रमन ने कहा- अपनी विफलता छिपाने में लगी प्रदेश सरकार, प्रदेश अध्यक्ष साय, नेता प्रतिपक्ष कौशिक, सांसदों, विधायकों व पदाधिकारियों ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने भाजपा सांसदों एवं विधायकों की वर्चुअल बैठक लेते हुए प्रदेश में कोरोना को लेकर उपजी स्थिति पर चर्चा करते हुए प्रदेश की विफल कांग्रेस सरकार को प्रजा की अहितकारी सरकार बताते हुए हर मोर्चे पर घेरने की रणनीति पर काम करने को कहा। श्रीमती पुरंदेश्वरी ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार कोरोना की रोकथाम को लेकर पूरी तरह से असफल है। इन परिस्थितियों में हमारी भूमिका अहम हो जाती है कि हम जनता तक जाकर उनकी हितों के साथ जुड़कर प्रतिपक्ष की भूमिका को मजबूती के साथ निभाएँ।
बैठक में प्रदेश प्रभारी श्रीमती पुरंदेश्वरी ने कहा कि इसके लिए जिला स्तर पर कमेटी बनाई जानी चाहिए जिसमें सांसद विधायक स्थानीय अधिकारियों से बात करके आम लोगों को हो रही असुविधा व कोरोना वायरस से मुक्ति के काम में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए काम करें। साथ ही उन्होंने पार्टी की तरफ से हेल्प डेस्क बनाने पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ सहित हर कार्यकर्ता को कोरोना के खिलाफ जारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अभियान व निर्णायक लड़ाई में सहभागी बनने की अपील की। इस मौक़े पर प्रदेश सह प्रभारी व बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन ने कहा कि कोरोना महामारी से लड़ने के लिए जारी अभियान में पार्टी के सारे निर्वाचित जनप्रतिनिधि एक कड़ी के साथ आम लोगों व कार्यकर्ता के साथ प्रशासन के बीच में अपनी भूमिका निभाएँ और आवश्यकता के मुताबिक बेहतर मेडिकल सुविधा के लिए वह प्रशासन से चर्चा करें व दवाइयां एवं आवश्यक सामग्री वितरण के लिए बनाई गई मॉनीटरिंग कमेटी में भी अपनी बातें रखकर जनहित में कार्य करते हुए पार्टी से जुड़ाव को आम लोगों के साथ मज़बूत करें।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रदेश में जो स्थिति बनती जा रही है, उससे निपटने एवं आम लोगों से जुड़ाव के लिए हम सभी सांसदों-विधायकों की भूमिका अहम है। हम अपने अपने क्षेत्र के आम लोगों के साथ जुड़कर कोरोना के ख़िलाफ़ जारी ज़ंग में अपनी भूमिका मज़बूती के साथ निभाएँ। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार बढ़ते कोरोना के प्रभाव के बीच अपनी असफलता छिपाने के लिए केवल मात्र काल्पनिक बातें कर रही है, जिससे जनता का कोई सरोकार नहीं है और इस सरकार की अनिर्णय के स्थिति के चलते कोरोना का विस्तार छत्तीसगढ़ में इस कदर हुआ है कि स्थिति भयावह हो चली है और रोकथाम के लिए जो आवश्यक कदम उठाए जाने थे, अब तक नहीं उठाए गए हैं। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कोरोना को लेकर प्रदेश सरकार की जो तैयारी इस एक वर्ष में सबक के तौर पर होनी चाहिए थी, वह नहीं दिखती है जिसके चलते कोरोना संक्रमण का फैलाव हो रहा है। इस समय पूरे प्रदेश में पार्टी के प्रत्येक विधायक-सांसद, पार्टी के प्रत्येक मोर्चे के कार्यकर्ता तन्मयता के साथ जुटकर जारी ज़ंग में अपनी भूमिका महत्वपूर्ण निभा सकते हैं और प्रधानमंत्री श्री मोदी के कोरोना मुक्ति अभियान में सहभागी बन सकते हैं। इसके साथ ही अधिक-से-अधिक टीकाकरण हो, इसके लिए हमें चिंता करने की ज़रूरत है।
इस मौक़े पर केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, राज्यसभा सांसद डॉ. सरोज पांडे, रामविचार नेताम, लोकसभा सांसद संतोष पांडे, विजय बघेल, सुनील सोनी, अरुण साव, चुन्नीलाल साहू, गोमती साय, गुहाराम अजगले, मोहन मंडावी ने अपने-अपने सुझाव रखे। पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल, ननकीराम कंवर, अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा, प्रदेश महामंत्री भूपेंद्र सवन्नी, किरण देव, भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ विमल चोपड़ा, व डॉ. जेपी शर्मा सहित सभी ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
इस वर्चुअल बैठक में भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, प्रदेश महामंत्री नारायण चंदेल, रामप्रताप सिंह, सहित भाजपा विधायक एवं पदाधिकारी शामिल हुए।
- बघेल बनाम सिंहदेव की आपसी खींचतान का नतीजा जनता भुगत रही है : भाजपा
- अपने हठीले रवैए के चलते कोवैक्सीन की प्रमाणिकता पर सवाल नही उठाते तो प्रदेश अभी टीकाकरण के दूसरे दौर में पहुंच चुका होता – धरमलाल कौशिक
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राजधानी में कोरोना संक्रमण के चलते हालात पूरी तरह बेक़ाबू हो जाने के बाद लॉकडाउन की घोषणा करने पर प्रदेश सरकार की नीयत और कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया है। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पहले कोरोना के नियंत्रण के लिए लॉकडाउन की ज़रूरत को अस्वीकार करके प्रदेश और ख़ासकर राजधानी को महामारी के गर्त में धकेलने का काम किया है।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि भाजपा कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर की शुरुआत से ही प्रदेश सरकार को इस दिशा में आवश्यक उपायों के लिए आगाह करती रही, लेकिन राजनीतिक प्रतिशोध में आकंठ डूबी सरकार प्रदेश में क्रिकेट मैच कराने, मेला-महोत्सव कराने में ही मशगूल रही। प्रदेश कोरोना की मार से जूझ रहा है, तब मुख्यमंत्री असम के चुनावी दौरों में बयानबाजी करने में मगन थे। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश के कांग्रेस नेता एक बार फिर अपनी प्रदेश सरकार के निकम्मेपन पर पर्दा डालने के गर्हित उपक्रम करने लगे हैं और केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ मिथ्या प्रलाप पर उतर आए हैं। नेताओं को पहले अपनी प्रदेश सरकार से तो यह पूछने की हिम्मत जुटानी चाहिए कि कोरोना सालभर में प्रदेश सरकार ने कोरोना के मुक़ाबले के लिहाज़ से अपनी कितनी स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया, कोरोना मरीजों के इलाज की कितनी सुविधाओं का विस्तार किया और कितने नए कोविड सेंटर्स बनाकर कोरोना को लेकर मची हायतौबा को कम करने की कोशिश की है।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार और कांग्रेस के लोग झूठ फैलाकर कोरोना महामारी के इस संकटकाल में भी शर्मनाक राजनीति कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में बुधवार को ही दो खेप में कोविड टीके की 10 लाख और खुराक पहुँची है। कांग्रेस के नेता प्रदेश को तथ्यों से परे बातें करके भ्रमित कर रहे हैं। श्री कौशिक ने कहा कि पहली बार पहुँची को-वैक्सीन को लेकर राजनीतिक दुर्भावनावश उसकी प्रमाणिकता पर सवाल उठाने और अपने हठीले रवैए के चलते टीकाकरण नहीं होने के लिए कांग्रेस नेता अपनी सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव से सवाल पूछने की हिम्मत क्यों नहीं कर पा रहे हैं? अगर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव तब राजनीतिक नौटंकी नहीं करते तो अब तक प्रदेश में टीकाकरण के दूसरे दौर से भी अधिकांश प्रदेशवासी लाभान्वित हो चुके होते। कांग्रेस नेता अपनी सरकार के काले कारनामों से कब तक आँखें मूंदकर प्रदेशवासी कोरोना संक्रमितों को कालातीत दवाएँ देकर उनकी सेहत और जान से खिलवाड़ होते देखते रहेंगे? श्री कौशिक ने कहा कि दरअसल प्रदेश सरकार में सत्ता-संघर्ष का खामियाजा लोगों को कोरोना संक्रमण के रूप में भोगना पड़ रहा है।
श्री कौशिक ने कहा कि सीएम बघेल कोरोंना संकट को लेकर कितने लापरवाह रहे हैं, यह तब फिर साबित हुआ था, जब उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा इस विषय पर बुलायी गयी मुख्यमंत्रियों की बैठक में भी शामिल होना उचित नहीं समझा और मुख्यमंत्री बघेल असम में व्यस्त रहे। यहां तक कि वर्चुअल बैठक में स्वास्थ्य मंत्री पर विश्वास जताने के बजाय उन्होंने गृह मंत्री को भेजा। यह बघेल बनाम सिंहदेव की आपसी खींचतान का नतीजा है कि प्रदेश में कोरोना से हालात बेक़ाबू हो चले हैं और प्रदेश सरकार पूरी तरह हाथ पर हाथ धरे बैठ गयी है जनता को अपने हाल पर छोड़ कर। श्री कौशिक ने इसे घोर दुर्भाग्यजनक बताया।