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बरबाद होने की कगार पे थी किसान की 15 लाख की फसल-‘देवदूत’ बन कर आई सेना ने खरीदी बाजार के भाव में

ByPrompt Times

Jun 11, 2021
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  • रांची के एक युवा किसान ने फसल बरबाद होने के डर से सेना को पांच टन तरबूज फ्री में देने की पेशकश की थी.

11-जून-2021 | रांची में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लगे लॉकडाउन के चलते एक स्नातक 25 वर्षीय युवक की 15 लाख रुपये की लागत से तरबूज की खेती बरबादी की कगार पर आ गई. जिसके बाद उन्होंने रामगढ़ छावनी के सिख रेजिमेंटल सेंटर के सैनिकों को पांच टन तरबूज की पेशकश की और सेना ने तरबूज बाजार कीमत पर खरीद लिये.

रामगढ़ स्थित सिख रेजिमेंटल सेंटर के कमांडेंट ब्रिगेडियर एम श्रीकुमार सहित एसआरसी के अधिकारी किसान रंजन कुमार महतो से इतने प्रभावित हुए कि बोकारो जिले के पास स्थित उनके खेत पर पहुंचे और तरबूज की उनकी उपज खरीद ली. कमांडेंट ब्रिगेडियर एम श्रीकुमार ने ‘पीटीआई भाषा’ को बताया कि उन्हें युवा किसान रंजन कुमार महतो की तरबूज की खेती के बारे में उन्हें जानकारी मिली और पता चला कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य में लागू लॉकडाउन के कारण वह तरबूज की पैदावार को उचित दाम पर नहीं बेच पा रहे हैं.

सेना को दिया 5 टन तरबूज फ्री देना का प्रस्ताव

उन्होंने कहा कि उन्हें पता चला कि महतो ने इस कारण से लगभग सवा सौ टन की तरबूज की पैदावार में से पांच टन तरबूज मुफ्त में सेना को देने का प्रस्ताव दिया है. कुमार ने बताया कि पूरे मामले की जानकारी होने पर आज वह सपरिवार और अपने अन्य अधिकारियों के साथ महतो के खेत पर पहुंचे और वहां से सेना के ट्रकों में तरबूज रेजिमेंटल सेंटर ले आये.

सेना ने बाजार के भाव से खरीदे तरबूज

उन्होंने बताया कि महतो ने सेना को तरबूज मुफ्त देने का प्रस्ताव दिया था लेकिन ‘‘हमने उन्हें बाजार भाव पर मूल्य चुकाया और उनका उत्साहवर्धन भी किया.’’वहीं युवा किसान महतो ने बताया कि उन्होंने रांची विश्वविद्यालय से कुछ साल पहले स्नातक करने के बाद व्यावसायिक खेती करने का फैसला किया था और 25 एकड़ भूमि लीज पर ली थी.

खेतों में लगाई है कई अन्य प्रकार की सब्जियां

महतो ने बताया कि उन्होंने इस वर्ष उसमें से पांच एकड़ भूमि पर लगभग 15 लाख रुपये की लागत से तरबूज की खेती की लेकिन लॉकडाउन के चलते तरबूज के खरीददार ही नहीं मिल रहे थे. महतो ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में कई अन्य प्रकार की सब्जियां भी उगायी हैं लेकिन राज्य में लागू लॉकडाउन के चलते उन्हें इस साल भारी नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने कहा, ‘‘रामगढ़ से सेना के सिख रेजिमेंटल सेंटर के अधिकारी उनके बुलावे पर आज उनके खेतों पर पहुंचे और पांच टन तरबूज खरीद कर ले गये.

Source : “TV9 भारतवर्ष”


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