18 अक्टूबर 2021 | अस्पतालों में कोरोना संदिग्धों के साथ अन्य मरीजों के लिए भी अभी प्रतिदिन 5 से 6 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत ही हो रही कोरोना की दूसरी लहर में अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई थी। इससे सबक लेकर तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बड़ी संख्या में ऑक्सीजन के प्लांट लगाए गए। सरकारी और निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की क्षमता बढ़ा दी गई। भले ही अभी कोरोना के मामले बहुत कम हों, लेकिन ऑक्सीजन क्षमता जरूरत से कई गुना बढ़ा ली गई है।
इस समय सरकारी अस्पतालों में 100 मीट्रिक टन और निजी अस्पतालों और एजेंसी में 200 मीट्रिक टन से अधिक ऑक्सीजन की व्यवस्था की जा चुकी है। कोरोना काल से पहले शहर में 30 से 50 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ही व्यवस्था थी। कोरोना की पहली लहर में यह क्षमता बढ़ाकर करीब 100 मीट्रिक टन की गई थी। अभी शहर में रोज 5 से 6 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की ही खपत ही हो रही है।
दूसरी लहर में रोज 220 से 250 मीट्रिक टन की खपत होती थी
कोरोना की दूसरी लहर में शहर में करीब 200 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की तैयारी कर ली गई थी, लेकिन उस समय हर दिन करीब 220 से 250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की खपत हर दिन हो रही थी। फिलहाल अब 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का और इंतजाम किया जा चुका है। इसमें पीएसए और लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट शामिल हैं।
सिविल में 50000 लीटर ऑक्सीजन का स्टोरेज भी
सिविल अस्पताल में 50000 लीटर लिक्विड ऑक्सीजन का स्टोरेज भी उपलब्ध है। सेंट्रल मेडिकल स्टोर के पास 13000 लीटर लिक्विड ऑक्सीजन का टैंक लगा है। इसके अलावा स्टेम सेल इमारत में 17000 लीटर लिक्विड ऑक्सीजन का टैंक और 13000 लीटर का किडनी अस्पताल पर टैंक इंस्टॉल किया गया है। छोटे-छटे सिलेंडर भी हैं।
24 घंटे में एक्टिव मरीज 80 से घटकर 74 पर आए
रविवार को चार नए केस आए। अब तक 143854 पॉजिटव आ चुके हैं। 11 मरीज डिस्चार्ज हुए। अब तक 141665 मरीज ठीक हो चुके हैं। मौतें रुकी हुई है अबतक 2115 की जान जा चुकी है। एक्टिव मरीज एक ही दिन में 81 से घटकर 74 हो गए। सिविल अस्पताल और स्मीमेर अस्पताल में 10 मरीज हैं, जबकि निजी अस्पताल में मात्र 8 मरीज हैं।
Source :- दैनिक भास्कर