शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में स्थित अनाडेल मैदान में सेना के अत्याधुनिक चिनूक (Chinook) हेलिकॉप्टर की पहली बार लैंडिंग हुई। अमेरिका में बना ‘चिनूक’ हेलीकॉप्टर को पिछले साल यानी मार्च 2019 में वायुसेना में शामिल किया गया था। भारतीय वायुसेना के पास इस समय 4 ‘चिनूक’ हेलीकॉप्टर हैं। बुधवार को यह हैलीकॉप्टर अन्नाडेल (Annadale Ground Shimla) में लैंड हुआ। हालांकि अभी तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि किस कारण से इस हेलीकॉप्टर की लैंडिंग यहां हुई।
बता दें कि शिमला के अनाडेल मैदान आर्मी ट्रेनिंग कमांड का स्थल है। चिनूक का निर्माण बोइंग कंपनी करती है। हालांकि ये 1962 से प्रचलन में हैं। लेकिन बोइंग ने समय-समय पर इनमें सुधार किया है, इसलिए आज भी करीब 25 देशों की सेनाएं इनका इस्तेमाल करती हैं। खुद अमेरिका इनका महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में इस्तेमाल करता है। अमेरिका ने जब पाकिस्तान में घुसकर लादेन का खात्मा किया था तो चिनूक हेलीकॉप्टरों का ही इस्तेमाल किया था।
‘चिनूक’ हेलीकॉप्टर की खासियत
-यह रात में भी उड़ान भरने और ऑपरेशन करने में सक्षम होते हैं
-किसी भी मौसम में उपयोग किया जा सकता है
-सभी प्रकार के परिवहन में इस्तेमाल किया जा सकता है
-असैन्य कार्यों जैसे आपदा प्रबंधन और आग बुझाने में भी इस्तेमाल संभव
-इनमें विमान की भांति एकीकृत डिजिटल कॉकपिट मैनेजमेंट सिस्टम है
-इस हेलीकॉप्टर को अमेरिकी कंपनी बोइंग ने तैयार किया है
-11 टन पेलोड और 45 सैनिकों का भार वहन करने की अधिकतम क्षमता है चिनूक में
घने कोहरे में भी एक्शन लेने में सक्षम
घने कोहरे और धुंध में भी यह एक्शन लेने में सक्षम है। यह बेहद कुशलता से मुश्किल से मुश्किल जमीन पर भी ऑपरेट कर सकता है। इसे हर मौसम में हर दिन-हर मिनट ऑपरेट किया जा सकता है।
गेम चेंजर साबित होगा चिनूक
बेहद तेज रफ्तार हेलीकॉप्टर चिनूक 315 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भर सकता है। यह मल्टी रोल, वर्टिकल लिफ्ट प्लेटफॉर्म वाला हेलीकॉप्टर है। जो सैनिकों और उनके हथियार, साजोसामान और ईंधन को लेकर एक जगह से दूसरी जगह जा सकता है।