30 अक्टूबर 2021 | नई खेल नीति काे लागू करने के लिए वित्त विभाग से मंजूरी मिलने का इंतजार है। दाे महीने से फाइल वित्त विभाग के पास फंसी हुई हैै। नई खेल नीति काे लागू करने से पहले वित्त विभाग इसके हर एक पहलू का बारीकी से अध्ययन कर रहा है। मंजूरी देने से पहले युवा सेवाएं एवं खेल विभाग के अधिकारियों को वित्त महकमे ने पाॅलिसी पर प्रेजेंटेशन देने काे कहा है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा ने सत्ता में आने से पहले यहां पर नई खेल नीति बनाने का एलान किया गया था। दूसरे राज्यों के मॉडल को इसमें स्टडी किया गया। खासकर हरियाणा की खेल नीति को यहां अपनाने की तैयारी है। मगर अब वित्त विभाग ने इस पर अभी तक अपना काेई फैसला नहीं दिया है। कानून विभाग से नई खेल नीति को मंजूरी मिल चुकी है। कानून विभाग ने भी इसमें कई मामलों को लेकर स्पष्टीकरण लिया जिसके बाद इसे मंजूरी दे दी मगर अब वित्त विभाग का पेंच फंस गया है।
जब तक उनको प्रेजेंटेशन देकर संतुष्ट नहीं किया जाता तब तक खेल नीति वहां से पास नहीं होगी। यहां पर भी खिलाडिय़ों की डाइट मनी और प्राइज मनी को बढ़ाने का भी प्रस्ताव भेजा है। इसके अलावा अकादमियों को जो पैसा दिया जाता है उसमें भी इजाफा किया जाएगा। य हां पर खेल गतिविधियों क लिए आधारभूत ढांचे के विकास पर पहले से ज्यादा पैसा खर्च किया जाएगा। इतना ही नहीं यहां खेल कोटे में रोजगार को भी इस पॉलिसी में बढ़ाने की बात हो सकती है। वित्त विभाग की मंजूरी के बाद नई खेल नीति कैबिनेट के पास जाएगी।
सरकार चाहेगी कि घोषणाएं समय पर पूरी की जा सके
अगले साल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं और सरकार भी चाहेगी कि उसके द्वारा जो घोषणाएं यहां पर की गई हैं उनको अंजाम तक पहुंचाया जाए। लंबे समय से बार-बार खेल नीति के बारे में सरकार बोलती रही है। फिलहाल वित्त विभाग से चर्चा के बाद पता चलेगा कि कितना अतिरिक्त वित्तीय बोझ सरकार पर पड़ेगा।
Source :-दैनिक भास्कर