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रथ पर सवार श्रीकृष्ण-अर्जुन के साथ श्री कृष्ण का विराट स्वरूप पहली बार होगा अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का मुख्य आकर्षण

09 नवंबर 2022 | गीता की जन्म स्थली ज्योतिसर तीर्थ पर करीब 13 करोड़ की लागत से स्थापित श्री कृष्ण का विराट स्वरूप ही इस बार अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के आकर्षण का मुख्य केंद्र होगा। हालांकि विराट स्वरूप के साथ श्रीकृष्ण-अर्जुन रथ को भी तव्वजो दी जाएगी, लेकिन यह पहली बार होगा कि श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को भी पहली बार इस स्तर पर प्रदर्शित किया जा रहा है। महोत्सव के निमंत्रण पत्र से लेकर स्मृति चिह्नों पर भी श्रीकृष्ण का विराट स्वरूप देखने को मिलेगा। यही नहीं गीता जयंती महोत्सव से संबंधित हर दस्तावेज व विज्ञापन में भी इसे दर्शाया जाएगा।
बता दें कि अब तक अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के दौरान लोगों के अलावा श्रीकृष्ण-अर्जुन रथ को ही दर्शाया जाता रहा है। यही नहीं कुरुक्षेत्र का जिक्र आते ही इसी रथ की प्रतिमा सामने आती रही है। माना जा रहा है कि अब इस रथ के साथ श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को ही अधिक तवज्जो दी जाएगी। इसी के आधार पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की तैयारियां की जा रही है।

विराट स्वरूप की थ्री-डी प्रोजेक्शन मैपिंग, फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा करेंगे वर्णन
ज्योतिसर तीर्थ पर 13.63 करोड़ की लागत से श्रीकृष्ण के 50 फीट ऊंचा विराट स्वरूप स्थापित है, जिसका अनावरण इसी वर्ष 30 जून को आरएसएस सर संघचालक डॉ. मोहन राव भागवत, राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किया था। अब इस विराट स्वरूप की करीब साढ़े तीन करोड़ की लागत से अत्याधुनिक थ्री-डी प्रोजेक्शन मैपिंग की जा रही है, जिसके चलने से यह विराट स्वरूप देखकर विशेष अनुभूति होगी। प्रख्यात कवि एवं लेखक रहे रामधारी सिंह दिनकर की रचना कुरुक्षेत्र से जोड़ते हुए की जा रही थ्री-डी प्रोजेक्शन मैपिंग में फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा की आवाज होगी, जो हर विभूति के बारे में विस्तार से बताएंगे। यह विशेष आकर्षण होगा। थ्री-डी प्रोजेक्शन मैपिंग प्रोजेक्ट का 19 नवंबर को गीता जयंती के पहले दिन ही किए जाने की संभावना है।
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकारों ने बनाया था विराट स्वरूप
ज्योतिसर तीर्थ पर स्थापित किए गए 50 फीट ऊंचे विराट स्वरूप को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाने वाले महाराष्ट्र के शिल्पकारों ने ही बनाया था। इसमें तीन हजार किलोग्राम से ज्यादा वजन है। इसमें चार भितीचित्र है तो 10 फीट का आधार बनाया गया है।

श्रीकृष्ण ने दो बार दिखाया था विराट स्वरूप : छाबड़ा
कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा का कहना है कि श्रीकृष्ण ने दो बार विराट स्वरूप दिखाया था। एक बार दुर्योधन की सभा में तो दूसरी बार जब अर्जुन को गीता का संदेश दे रहे थे। यह विराट स्वरूप देखकर अर्जुन बेहद प्रभावित हो गए थे। श्रीकृष्ण-अर्जुन रथ का अपना विशेष महत्व है, लेकिन श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप का महत्व इससे भी ज्यादा है। यही कारण है कि अब विराट स्वरूप को भी मुख्य तौर पर प्रदर्शित किए जाने का निर्णय लिया गया है।

 सोर्स :-“अमर उजाला ”                          

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