पिछली सहस्त्राब्दि में विश्व में कुछ ऐसे गुप्त संगठन बनाए गए, जिनका उद्देश्य था पूरे विश्व को एक विशेष प्रकार से संचालित करना, इनमें सबसे उल्लेखनीय हैं ,
“फ्री मेसंस” और इल्लुमिनाती !
पहली संस्था में विश्व के बड़े बड़े वैज्ञानिक और विचारक शामिल रहे , दूसरी संस्था में विश्व के बड़े बैंकर माफिया और सबसे बड़ी साम्राज्यवादी शक्तिया हैं।
कहते हैं अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए इन्ही लोगों ने अमेरिका नामक देश खड़ा करके उसे अपनी प्रयोगशाला बनाया।
विश्व को नियंत्रित करने के इनके आज के सबसे बड़े हथियार हैं – मूर्खतापूर्ण लोकतंत्र , संयुक्त राष्ट्र संघ , विश्व बैंक , विश्व स्वास्थ्य संगठन आदि ! इन्होने ऐसे नए विश्व नियमो (new world order) के षड्यंत्र रचे हैं जिससे विश्व का हर व्यक्ति इनका गुलाम बन जाए। हर व्यक्ति की हर जानकारी , उसका धन , उसका स्वास्थ्य, सब कुछ उनके नियंत्रण में हो। ———— ये आधार कार्ड , डिजिटल मुद्राएं , और कोरोना जैसी महामारी की आड़ में जबरन लोगों को घरों में बंद करने और जबरन मास्क आदि लगाने के लिए विवश करना —- इन्ही षड्यंत्रों के हिस्से हैं ! ——————— ये शक्तियां —– कहते हैं की ईसाई जगत में बुराई के प्रतीक — शैतान लूसिफर की आराधना करती हैं ! इनका प्रयास है की विश्व के सनातन हिन्दू धर्म जैसे प्राचीन धर्म की भी समस्त मर्यादाएं , मान्यताएं और परम्पराएं नष्ट करके —— एक मनचाहे नए विश्व धर्म की स्थापना की जाए ! —– महिला सशक्तिकरण के नाम पर, महिलाओं की मुक्ति के षड्यंत्र रचकर — परिवारों को और समस्त रिश्तो को तोड़ने के षड्यंत्र इन्ही पापियों के कुकर्म हैं ! —- समलैंगिकता का महिमामंडन करके , विवाहेत्तर शारीरिक संबंधो को कानूनी मान्यता दिला कर और अन्य अनैतिक व्याभिचार को कानूनी रूप दिलवा कर, समाज की हर मर्यादा को नष्ट करवा के , मानव मात्र को एक पालतू पशु बनाना इनका उद्देश्य है। —— आजकल ये शैतान विश्व की आबादी को नियंत्रित करने के लिए महामारियो और विश्व युद्ध के षड्यंत्र सिरे चढाने में जुटे हैं निश्चित ही निकट भविष्य में बहुत ही अप्रत्याशित , बहुत आश्चर्यकारक बड़े बड़े परिवर्तन देखें जायेंगे !!! परिवर्तन सुखद होंगे या दुखद ये तो पता नहीं लेकिन —–सच्चाई यही है की सभी पाप ग्रह और क्रूर ग्रह अत्यंत बली होंगे और शुभ ग्रह उच्च होने पर भी क्रूर ग्रहों के संयोग से दुर्बल होंगे !!——— हो सकता है कुछ काल के लिए महामारी की मार समाप्त होती दिखे , एक बार विश्व भर में मौत की सी शांति होती दिखे —–लेकिन सितम्बर बीतते बीतते ——–विश्व भर में भयानक उपद्रव ,दंगे , नयी महामारी , भीषण प्राकृतिक प्रकोप , और भीषण युद्धों के आसार स्पष्ट होने आरम्भ हो जायेंगे !! इसके बाद अनेक माह के लिए जो भयानक विपदाओं का काल कई महीनो के लिए आयेगा उसकी तैयारी हर धर्मनिष्ठ व्यक्ति को अभी से करनी आरम्भ कर देनी चाहिए !!!
-साभार- अजय तिवारी #रहस्यवादी