• April 30, 2024 2:52 pm

टैक्स फ्री ब्याज के लिए PF जमा लिमिट में हो सकती है बढ़ोतरी, सरकारी कर्मचारियों के बराबर मिल सकता है फायदा

22 जनवरी2022 | EPF (Employees Provident Fund) में एंप्लॉयर व इंप्लॉई दोनों की ओर से योगदान रहता है, जो कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12-12 फीसदी है। हालांकि नियोक्ता के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई पेंशन स्कीम EPS में जाता है, और बाकी का हिस्सा कर्मचारी के PF में।

  • EPFO के दायरे में आने वाली हर कंपनी को कर्मचारी को EPF का लाभ देना जरूरी
  • EPF में निवेश को आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन का फायदा
  • 5 साल की नौकरी पूरी होने के बाद किए जाने वाले विदड्रॉअल पर टैक्स नहीं

सरकार निजी क्षेत्र के वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में कर-मुक्त योगदान की सीमा को दोगुना कर सकती है। अभी निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए यह सीमा 2.5 लाख रुपये प्रति वित्त वर्ष है, जबकि सरकारी कर्मचारियों के लिए अधिकतम 5 लाख रुपये प्रति वर्ष है। जानकारों का कहना है कि विभिन्न खंडों से उठ रही मांग को देखते हुए निजी क्षेत्र के वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए भी कर्मचारी भविष्य निधि (Employees Provident Fund) में कर-मुक्त योगदान की सीमा को बढ़ाकर सरकारी कर्मचारियों के बराबर यानी 5 लाख रुपये प्रति वर्ष किया जा सकता है।

गौरतलब है EPFO के दायरे में आने वाली संगठित क्षेत्र की हर कंपनी को अपने कर्मचारी को EPF (Employee Provident Fund) का लाभ देना जरूरी है। EPF में एंप्लॉयर व इंप्लॉई दोनों की ओर से योगदान रहता है, जो कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12-12 फीसदी है। हालांकि नियोक्ता के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई पेंशन स्कीम EPS में जाता है, और बाकी का हिस्सा कर्मचारी के PF में।

EPF में निवेश और ब्याज पर टैक्स बेनिफिट
EPF में निवेश को आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्स डिडक्शन का फायदा मिलता है। यानी एक वित्त वर्ष में 1.50 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है। EPF से मिलने वाले मैच्योरिटी अमाउंट और 5 साल की नौकरी पूरी होने के बाद किए जाने वाले विदड्रॉअल पर टैक्स नहीं कटता है। हालांकि ब्याज पर टैक्स को लेकर अब नियम बदल चुका है।

बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रस्ताव रखा कि विभिन्न पीएफ में कर्मचारी अंशदान पर होने वाली ब्याज आय के मामले में टैक्स छूट को 2.5 लाख रुपये सालाना अंशदान तक सीमित किए जाए। यानी किसी के EPF और VPF खाते में 2.5 लाख रुपये तक सालाना कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज ही टैक्स फ्री हो। इस लिमिट से ऊपर के कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्स के दायरे में आए। 2.5 लाख रुपये की यह थ्रेसहोल्ड लिमिट नॉन गवर्नमेंट इंप्लॉइज के लिए है। सरकारी कर्मचारियों के लिए EPF और VPF खाते में 5 लाख रुपये तक के सालाना कॉन्ट्रीब्यूशन पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री किया जा चुका है।

1 अप्रैल से लागू हो चुका है नया नियम
यह नियम 1 अप्रैल 2021 से लागू हो चुका है और 1 अप्रैल 2021 को या उसके बाद होने वाले पीएफ अंशदानों के लिए मान्य है। सीबीडीटी ने इसे अगस्त 2021 में अधिसूचित किया था। इस नए नियम से वे कर्मचारी सीधे तौर पर प्रभावित होंगे, जिनकी आय उच्च है और वे वॉलेंटरी प्रोविडेंट फंड के जरिए मोटी टैक्स फ्री ब्याज आय प्राप्त कर लेते हैं। 31 मार्च 2021 तक EPF और VPF खाते में हो चुके कॉन्ट्रीब्यूशन इस नए नियम से प्रभावित नहीं होंगे।

Source;-“नवभारतटाइम्स”

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