सोच-विचार पढ़ाई-लिखाई की मोहताज नहीं होती। अगर आपके दिमाग में नये-नये आइडियाज आते हैं और आप उन्हें लेकर प्रयोग करते हैं, तो आप इंजीनियरों पर भारी पड़ सकते हैं। बोताड जिले के रहने वाले 49 वर्षीय जतिन राठौर ऐसे ही शख्स हैं, जो पढ़े तो महज 7वीं क्लास हैं, लेकिन काम इंजीनियरों के करते हैं। इन्होंने एक ऐसी जुगाड़ बनाई है, जिसकी सहायता से ट्रैक्टर को जमीन से सुविधानुसार ऊपर उठा सकते हैं। यह जुगाड़ फसलों की ऊंचाई को देखते हुए बनाई गई है। यानी आपको ट्रैक्टर के जरिये दवा का छिड़काव करना हो या निराई-गुड़ाई…अब अप बेफिक्र होकर ट्रैक्टर को खेत में उतार सकते हैं। ट्रैक्टर को जुगाड़ के जरिये ऊंचा करने से फसलों के कुचलकर खराब होने की आशंका खत्म हो जाती है।
जतिन ने हाल में दबेटरइंडिया नामक वेबसाइट को एक इंटरव्यू दिया था। इसमें उन्होंने बताया कि आमतौर पर छोटे ट्रैक्टरों के लिए उनका जुगाड़ वाला सिस्टम काफी फायदेमंद है। जतिन के पिता टैम्पो बनाते थे। इनके घर में ही वर्कशॉप थी। जब जतिन 7वीं पढ़ रहे थे, तब इनके पिता की तबीयत बिगड़ी। हालत इतनी खराब हो गई कि जतिन को स्कूल छोड़कर वर्कशॉप का काम संभालना पड़ा। पिताजी के निधन के बाद जतिन ने टैम्पो के बजाय छोटे आकार के ट्रैक्टर बनाना शुरू किया। इस तरह उन्होंने 1995 में पहला छोटा ट्रैक्टर बनाया।
जतिन ने बताया कि किसानों की एक आम समस्या थी। फसल बड़ी होने पर खेत में ट्रैक्टर नहीं उतार सकते थे। लिहाजा उन्होंने ट्रैक्टर के लिए एक ऐसा बेस तैयार किया, जिसके जरिये ट्रैक्टर की हाइट बढ़ाई जा सकती है।
जतिन के बनाए ट्रैक्टर की वीडियो देखकर बेंगुलुरु की विटीएस मित्सुबिशी कंपनी ने संपर्क किया। अब वे उसके साथ ट्रैक्टर बना रहे हैं। उनका यह प्रयोग गुजरात के अलावा कर्नाटक, आंधप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र आदि राज्यों में खूब सराहा गया। वे बताते हैं कि अगर आपके पास 15-20 एचपी का ट्रैक्टर है, तो इस सिस्टम पर 45 हजार रुपए का खर्चा आएगा। इससे ज्यादा एचपी का ट्रैक्टर होने पर 65-75 हजार रुपए।