केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने एनआईटी जमशेदपुर के 60 वर्ष पूरे होने के अवसर पर संस्थान में 130 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हीरक जयंती व्याख्यान कक्ष परिसर का उद्घाटन किया।
डॉ. निशंक ने एनआईटी जमशेदपुर द्वारा किये गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि 12 विभागों के साथ एनआईटी जमशेदपुर प्रतिवर्ष लगभग 1300 छात्रों को बहुआयामी शिक्षा प्रदान कर रहा है और शिक्षा, अनुसंधान, प्रौद्योगिकी, नवाचार के साथ-साथ एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में भी देश के उत्कृष्ट केंद्र के रूप में उभर रहा है। इस वर्ष इस संस्थान ने प्रति फैकेल्टी 1.61 पब्लिकेशन तथा कुल 234 प्रकाशन किए हैं।
संस्थान ने दिए हैं कई होनहार : उन्होंने कहा कि भारत सरकार स्टडी इन इंडिया, स्टे इन इंडिया तथा शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण के माध्यम से भारत को शिक्षा के वैश्विक हब के रूप में स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है और हमारी इस प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए एनआईटी जमशेदपुर जैसे संस्थानों की सहयोगी भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। कहा कि एनआइटी जमशेदपुर से निकले छात्रों ने राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी और प्रशासनिक क्षेत्रो में संस्थान का नाम रौशन किया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पावर ग्रिड के चेयनमैन आईएस झा, एडमिरल आरवी शर्मा, पीके गोयल हों या आरपी नारायण इन सभी ने एनआइटी जमशेदपुर से निकलकर संस्थान का नाम रौशन किया है।
सामाजिक विकास में अहम योगदान : केंद्रीय मंत्री ने कोरोना संकट काल में एनआईटी जमशेदपुर द्वारा किये गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि एनआईटी जमशेदपुर के रसायन विज्ञान विभाग ने झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला जैसे जिलों के लिए सैनिटाइजर का भी उत्पादन किया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पुन: प्रयोग किए जा सकने वाले मास्क तथा जागरूकता अभियान, जरूरतमंद लोगों को खाद्य सामग्री जैसी वस्तुएं व अन्य प्रशिक्षण सुविधाएं देकर संस्थान ने महामारी प्रदत्त चुनौतियों का पूरी कुशलता के साथ सामना किया है। इसके साथ ही इंस्टीट्यूशनल सोशल रिस्पांसिबिलिटी यानी संस्थान की अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को समझते एवं निर्वहन करते हुए, समाज के विकास में अपना अहम योगदान भी दिया है।
एनआईटी के कार्यों की सराहना : संस्थान के स्वच्छ भारत अभियान, फिट इंडिया मूवमेंट जैसे कार्यक्रमों में सक्रिय योगदान की प्रशंसा करते हुए डॉ निशंक ने कहा, एनआईटी जमशेदपुर द्वारा गोद लिए गए गांव में नुक्कड़ नाटक तथा अन्य कार्यक्रमों की मदद से सफाई के लिए जागरूकता फैलाना, अपने कैंपस को सेनीटाइज करना, कैंपस में क्वारंटाइन योगा प्रोग्राम, आर्ट ऑफ लिविंग प्रोग्राम, मेडिटेशन तथा आध्यात्मिक मूल्यों के लिए वर्कशॉप आयोजित करना, जैविक कृषि तथा अपशिष्ट प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में कार्य करना आदि इस संस्थान के अत्यंत सराहनीय कार्य है।
उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि नई शिक्षा नीति तथा एनआईटी जमशेदपुर जैसे संस्थान मिलकर राष्ट्र निमार्ण तथा भारत को ज्ञान की महाशक्ति बनाने की दिशा में अपना शत-प्रतिशत योगदान देंगे और नए, शिक्षित, सशक्त, समृद्ध एवं आत्मनिर्भर भारत के निमार्ण में सहायक सिद्ध होंगे। इस अवसर पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे, एनआईटी के निदेशक प्रोफेसर करुणेश कुमार शुक्ला, डा. बीरेन्द्र कुमार, अरूण कुमार चौधरी, निशांत कुमार एवं संस्थान के अन्य विभागों के विभागाध्यक्ष, संकाय सदस्य एवं छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थे।
4400 विद्यार्थियों के बैठने की क्षमता : आधुनिक व्याख्यान कांप्लेक्स में 44 सौ छात्र-छात्राओं के बैठने की क्षमता है। वहीं 160 फैकल्टी इसमें बैठ सकेंगे। इसमें कुल 33 क्लासरूम बनाया गया है। जबकि तीन वर्चुअल क्लास रूम है। जिसमें देश के किसी भी कोने से बैठकर छात्र फैकल्टी की क्लास ऑनलाइन अटेंड कर पाएंगे। पूरा लेक्चर कंपलेक्स वातानुकूलित है, सभी सुविधाएं लेक्चर कॉन्प्लेक्स में मौजूद हैं।
सौर ऊर्जा से 100 किलो वाट बिजली का उत्पादन : डायमंड जुबिली लेक्चर हॉल कंपलेक्स में 16 सोलर पैनल प्लेट लगे हैं, जिनके द्वारा 100 किलो वाट तक सौर ऊर्जा का उत्पादन हो सकेगा। लेक्चर हॉल कंपलेक्स में ओपन थिएटर कैंटीन और बड़े पार्किंग की भी सुविधा मौजूद हैं।