• February 9, 2025 10:35 am

केंद्रीय मंत्री मांडविया भविष्य की नौकरियों पर सम्मेलन में लेंगे भाग

Share More

दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री और युवा मामले एवं खेल मंत्री, डॉ. मनसुख मांडविया 15 जनवरी को नई दिल्ली में ‘भविष्य की नौकरियां’ पर एक दिवसीय सम्मेलन में भाग लेंगे। इस सम्मेलन का आयोजन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से किया जा रहा है। सम्मेलन का विषय “आने वाले कल के कार्यबल को आकार देना: एक गतिशील दुनिया में विकास को गति देना” है।
सम्मेलन का उद्देश्य भारत के जॉब मार्केट पर एआई, आटोमेशन और डिजिटल उपकरणों जैसी तकनीकी प्रगति के असर का पता लगाना है, उभरते क्षेत्रों और उनसे सृजित होने वाले नौकरी के अवसरों को उजागर करना है। यह प्रमुख नीतिगत पहलों और भविष्य की चुनौतियों के लिए कार्यबल को तैयार करने के लिए मानव पूंजी में निवेश की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा करेगा।
क्षेत्रवार प्रस्तुतियाँ एक प्रमुख आकर्षण होंगी, जिनमें निर्माण, विनिर्माण, बैंकिंग वित्तीय सेवाएँ और बीमा, रसद, आतिथ्य और पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा, परिधान और वस्त्र, ऑटोमोटिव और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) में उभरते नौकरी के ट्रेंड्स को प्रदर्शित किया जाएगा। ये प्रस्तुतियाँ इन क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगपतियों के साथ आयोजित पूर्व-सम्मेलन राउंडटेबल चर्चाओं से एकत्र किए गए अंतर्दृष्टि को दर्शाएंगी।
सम्मेलन का उद्देश्य विचारकों, सरकार के प्रतिनिधियों, नीति निर्माताओं, उद्योग विशेषज्ञों और बहुपक्षीय एजेंसियों को एक साथ लाना है ताकि विकसित हो रहे रुझानों पर चर्चा और विचार-विमर्श किया जा सके और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित किया जा सके और नीतिगत सिफारिशें तैयार की जा सकें, जिससे भारत में भविष्य के लिए तैयार कार्यबल तैयार किया जा सके।
निवेशों, नीतिगत पहलों, तकनीकी प्रगति और विकसित हो रही बाजार मांगों के समागम से प्रेरित होकर, वैश्विक स्तर पर नौकरियों का भविष्य एक गहन परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। जैसे-जैसे उद्योग विकसित हो रहे हैं और नए क्षेत्र उभर रहे हैं, कार्यबल को कार्य की तेजी से डिजिटल, स्वचालित और विश्व स्तर पर परस्पर जुड़ी दुनिया के अनुकूल होना होगा। यह गतिशील बदलाव आगे आने वाली चुनौतियों और अवसरों के लिए देश के कार्यबल को तैयार करने के लिए मानव पूंजी में लक्षित निवेश के महत्व को रेखांकित करता है।
एक समृद्ध भविष्य की नौकरियों के लिए भारत का मार्ग अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा उठाने, समावेशन को बढ़ावा देने और नवाचार को अपनाने में निहित है। शिक्षा, कौशल विकास और रणनीतिक निवेश को प्राथमिकता देकर, देश कार्य की तेजी से बदलती दुनिया की मांगों को पूरा करने के लिए तैयार एक कार्यबल का निर्माण कर सकता है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए सतत विकास और समृद्धि सुनिश्चित हो सके।


Share More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *