शाहजहांपुर। उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद नई गन्ना किस्म की पौध के विकास के लिए कार्ययोजना तैयार करेगा। अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी के निर्देश पर गन्ना शोध परिषद प्लान तैयार करने में जुट गया है। नई किस्म की पौध के विकास की कार्ययोजना को 30 नवंबर तक मांगा गया है।
लखनऊ में आयोजित उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद की समीक्षा बैठक में अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने नई किस्मों के त्वरित बीज गन्ना सम्बर्द्धन के निर्देश दिए है। उन्होंने मृदा परीक्षण कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाने तथा नई किस्म की पौध को किसानों को मुहैया कराने के लिए 30 नवंबर तक प्लान मांगा है। प्रदेश की चमत्कारिक गन्ना किस्म सीओ 0238 के रेड रॉड प्रभावित होने पर इस प्रजाति का रकबा घटाने पर जोर दिया गया है। गन्ना मंत्री सुरेश राणा, अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी ने किसानों को रोग व कीट रहित उच्च गुणवत्ता का गन्ना बीज मुहैया कराने पर जोर दिया है। भूसरेड़्डी ने गन्ना शोध परिषद के निदेशक एवं वैज्ञानिकों को नई गन्ना किस्मों को किसानों तक त्वरित गति से पहुचाने के निर्देश दिए है।
उर्वरिक संतुलन व जैविक कीट प्रबंधन पर जोर
अपर मुख्य सचिव भूसरेड्डी ने उर्वरकों के संतुलित प्रयोग पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक किसानों के खेतों की मृदा का परीक्षण सुनिश्चित किया जाय। किसानों को यह जानकारी देनी जरूरी है कि उनके खेत में किस तत्व की कमी है। ताकि वह पूर्ति कर उत्पादन में वृद्धि कर सकें। भूसरेड्ड़ी ने रसायन के बजाय जैविक कीट नियंत्रण को जरूरी बताया है।
जैव उत्पादों पर भी जोर
गन्ना शोध परिषद में ट्राइकोडर्मा, मेटाराइजियम, वाबेरिया बैसियाना, ट्राइकोकार्ड तथा जैव उर्वरक एजोटोबैक्टर, पीएसबी कल्चर का उत्पादन होता है। अपर मुख्य सचिव ने इसकी वृद्धि पर जोर दिया है। इसके लिए रणनीति के निर्देश दिए।
इन केंद्रों पर होगा बीज विकास का काम
अपर मुख्य सचिव ने शाहजहांपुर के अलावा सेवरही, मुजफफरनगर, गोला, लक्ष्मीपुर, अमहट, कटयासादात, पिराइच, सिरसा, बलरामपुर आदि पर शोध केंद्रों पर बीज विकास के निर्देश दिए है। इसके लिए विस्तृत विकास योजना तैयार करने को कहा है। इसके लिए तीस नवंबर तक की समय सीमा भी निर्धारित कर दी है।
यह अधिकारी करेंगे पर्यवेक्षण
यूपीसीएसआर निदेशक डा. ज्योत्सनेंद्र सिंह कार्ययोजना तैयार करेंगे। अपर गन्ना आयुक्त वाईएस मलिक, वीके शुक्ल समेत वित्त नियंत्रक पर्यवेक्षण करेंगे। संबंधित विभागीय अधिकारी भी प्रगति से अवगत कराएंगे।