• April 26, 2024 4:09 am

अच्छी सेहत के लिए के लिए अमेरिकी एफडीए का निर्देश-स्कूल, रेस्त्रां और घर के खाने में नमक घटाने के लिए कहा, वजह- 10 में चार वयस्क हाई ब्लड प्रेशर से जूझ रहे

16-अक्टूबर-2021  | जायकेदार खाने के शौकीन अमेरिकियों के लिए बुरी खबर है । अमेरिकी स्वास्थ्य संस्था फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने स्कूल की कैंटीन, रेस्त्रां, कैफेटेरिया, फूड वैन के खाने और घर पर इस्तेमाल होने वाले पैकेज्ड फूड में नमक की मात्रा घटाने के दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। इसका असर आलू चिप्स, फ्रेंच फ्राइज और मसालेदार खाने पर होगा। बुधवार को जारी ताजा निर्देशों में खाने से जुड़े उद्योगों को 163 फूड आइटम्स में नमक की मात्रा कम रखने के लिए कहा गया है। एफडीए का कहना है कि अमेरिकी लोगों में खान-पान से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। हर 10 में से चार अमेरिकी वयस्क हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहा है। वहीं, अश्वेतों में यह आंकड़ा 6 तक पहुंच गया है। एफडीए कमिश्नर जेनेट वुडकॉक बताते हैं,‘खाने से जुड़ी कंपनियों और उद्योगों को अगले ढाई साल में औसत रोजाना सोडियम इंटेक में 12% की कमी लाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। यानी यह मात्रा 3000 मिलीग्राम (एमजी) प्रतिदिन रह जाएगी, फिलहाल यह 3400 एमजी प्रतिदिन है।

हालांकि अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने 14 साल और उससे ऊपर के लोगों के लिए रोजाना सोडियम लेने की मात्रा 2300 एमजी तय कर रखी है। बकौल वुडकॉक एक दशक में यह मात्रा 40% तक घटाने की कोशिश रहेगी ताकि पांच लाख जिंदगियां बचाई जा सके। लंबे समय से सेहतमंद खाने के पक्षधर और लेखक माइकल जैकब्सन का कहना है कि एफडीए ने 2016 में कैचप, हॉट और मस्टर्ड सॉस के साथ नमक के साथ ‘जंग’ शुरू की थी। पर नया मसौदा जारी करने में पांच साल लग गए। वहीं, एफडीए की सलाहकार समिति ने करीब चार दशक पहले नमक के ज्यादा सेवन से खतरे की चेतावनी दी थी। इसके इतने साल बाद भी मसौदा ही बन पाया है। सेहत की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। अगर ये फैसला कंपनियों की स्वेच्छा पर छोड़ दिया गया, तो नतीजे उम्मीदों के मुताबिक नहीं मिलेंगे।

तेज नमक वाले खाने से दिल और किडनी संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ा

एफडीए का कहना है कि अमेरिकी लोग ज्यादातर रेस्त्रां, कैफे या फूड वैन में बना खाना पसंद करते हैं। बच्चे भी स्कूल की कैंटीन में ही लंच लेते हैं। घर पर भी खाना हो तो पैक्ड फूड ही प्राथमिकता होती है। इन सभी फूड आइटम्स में नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। इस तेज नमक वाले खाने की वजह से अमेरिकी लोगों को हाई बीपी की समस्या घेरने लगी है। इसके चलते हार्ट अटैक, स्ट्रोक और किडनी फेलियर का जोखिम बढ़ गया है। खाद्य पदार्थों पर चेतावनी लिखने का भी असर नहीं दिख रहा था। इसलिए एफडीए सख्त कदम उठाने जा रहा है।

Source;-“दैनिक भास्कर”

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