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उत्तराखंड कैबिनेट-समय से बिजली बिल जमा न करने वाले छह लाख उपभोक्ताओं को राहत

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Feb 18, 2021
उत्तराखंड कैबिनेट-समय से बिजली बिल जमा न करने वाले छह लाख उपभोक्ताओं को राहत

समय से बिजली का बिल जमा न कर पाने वाले प्रदेश के करीब छह लाख बिजली उपभोक्ताओं को सरकार ने बड़ी राहत दी है। इन सभी उपभोक्ताओं के बिजली बिल का विलंब शुल्क (विलंब अधिभार) माफ कर दिया गया है। तीन महीने तक ऐसे जो भी उपभोक्ता बिल जमा कराएंगे, उन्हें केवल बिजली खर्च का पैसा देना होगा।

बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। इस तरह से राजस्व वसूली में ऊर्जा निगम पिछड़ रहा है, उसे देखते हुए यह योजना लाई गई है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि राजस्व वसूली बढ़ेगी। सचिव ऊर्जा राधिका झा के मुताबिक, प्रदेश के छह लाख घरेलू, कॉमर्शियल (75 किलोवाट तक) एलटी औद्योगिक और निजी नलकूप श्रेणी के उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ मिलेगा।

इन सभी उपभोक्ताओं को बिजली बिल जमा कराने पर शत-प्रतिशत विलंब अधिभार से छूट दी जाएगी। यह छूट आगामी तीन माह तक लागू रहेगी। इससे पहले कोविड के दौरान लॉकडाउन के दृष्टिगत जो छूट होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों को प्रदान की थी गई, उसी प्रकार धर्मशालाअें और सिनेमाहॉलों को भी तीन माह तक फिक्स चार्ज से छूट प्रदान किए जाने का निर्णय लिया गया है।

अब ऊर्जा निगमों के एमडी के लिए चीफ इंजीनियर भी कर सकेंगे आवेदन
अब उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड(यूपीसीएल), उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड(यूजेवीएनएल) और पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड(पिटकुल) में चीफ इंजीनियर भी प्रबंध निदेशक(एमडी) पद के लिए आवेदन कर सकेंगे। बुधवार को कैबिनेट बैठक में ऊर्जा के तीनों निगमों में एमडी और डायरेक्टर के पदों पर भर्ती की सेवा नियमावली में संशोधन पर मुहर लग गई। इसके तहत पूर्व मुख्य सचिव इंदु कुमार पांडेय की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट को ही लागू कर दिया गया है।

सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि प्रबंध निदेशक के पद पर अभी तक राजकीय निगमों के निदेशक या अधिशासी निदेशक स्तर के अधिकारी ही आवेदन कर सकते थे लेकिन अब मुख्य अभियंता स्तर-1 के अधिकारी भी आवेदन कर सकते हैं।

निदेशकों के पद पर राजकीय निगमों के मुख्य अभियंता स्तर-2 के उम्मीदवार भी आवेदन कर सकेंगे। केंद्रीय सरकारी उपक्रमों हेतु पूर्व में प्रबंध निदेशक पद के लिए अधिशासी निदेशक एवं निदेशक पद के लिए महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी आवेदन कर सकते थे। संशोधित नियमावली के अनुसर अब प्रबंध निदेशक पद हेतु महाप्रबंधक एवं निदेशक पद हेतु उप महाप्रबंधक स्तर के अधिकारी भी आवेदन कर सकते हैं।

प्रबंधन निदेशक, निदेशक वित्त, मानव संसाधन के पद हेतु केंद्रीय एवं राज्य सरकार के पात्र अधिकारी भी संशोधित नियमावली के अनुसार आवेदन कर सकते हैं। नियमावली संशोधन के उपरांत राज्य के ऊर्जा निगमों के अभियंता संवर्ग के अधिकारी भी, जिन्होंने निर्धारित योग्यता व अनुभव प्राप्त कर लिया हो, निदेशक वित्त व निदेशक मानव संसाधन के पद के पात्र हो जाएंगे। संगठित निजी क्षेत्र के उम्मीदवारों को भी पात्रता श्रेणी में शामिल किया गया है लेकिन इनके लिए कड़े मानक निर्धारित किए गए हैं।

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