मोदी का जन्म गुजरात के वडनगर (Vadnagar) में हुआ था। अब इसी वडनगर में जमीन के अंदर 200 करोड़ रुपए के लागत से अनोखा हेरिटेज म्यूजियम बनने जा रहा है। खास बात यह है हेरिटेज म्यूजियम ग्रीस में एथेंस के प्रसिद्ध एक्रोपोलिस ‘बिनीथ द सर्फेस’ यानी जमीन से अंदर की थीम पर बनेगा। यह म्यूजियम जमीन से सात मंजिला नीचे बनेगा। इस तरह ये एथेंस के बाद जमीन के अंदर बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा म्यूजियम होगा। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा इसके लिए 200 करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया है।
इसके अलावा यहां 16वीं सदी की नृत्यांगनाओं ताना-रीरी की याद में एक संगीत अकादमी और योग का एक अनोखा स्कूल बनेगा। ताना-रीरी, ये दोनों बहनें सम्राट अकबर के दरबार में मेघ-मल्हार गाया करती थीं और नृत्य किया करती थीं। उन्हीं के लिए वडनगर में वार्षिक ताना-रीरी महोत्सव का भी आयोजन किया जाता है। इन्हीं की याद में वडनगर में एक संगीत अकादमी बनाई जाएगी। इसके लिए उत्तर गुजरात यूनिवर्सिटी की स्वीकृति लेने के प्रोसेस जारी है। इस यूनिवर्सिटी में सिर्फ भारतीय शास्त्रीय संगीत ही नहीं, बल्कि विदेशी क्लासिकल म्यूजिक भी सिखाया जाएगा।
साथ ही वडनगर को उदयपुर की तरह गुजरात की पहली लेक सिटी भी बनाया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि देश-विदेश से पर्यटक वडनगर आएं, इसके लिए यहां विश्व स्तर का एक हेरिटेज म्यूजियम बनाया जा रहा है। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया एक्सपर्ट एजेंसी की टीम के निर्देशन में इस हेरिटेज म्यूजियम का काम साल 2021 से शुरू हो जाएगा। https://tpc.googlesyndication.com/safeframe/1-0-37/html/container.html
मोदी हमेशा योग पर जोर देते रहे हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मोदी के स्कूल को एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का योग स्कूल भी बनाने की योजना पर काम हो रहा है। यहां विद्यार्थियों को योगासन के अलावा योग में करियर बनाने की भी तालीम दी जाएगी। करीब पांच किमी के एरिया और 30 हजार की आबादी वाले वडनगर में बनने वाला यह स्कूल भी वडनगर की विशेष पहचान बनेगा। इसके अलावा इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का काम भी 2021 के मई महीने तक पूरा हो जाएगा।
वडनगर के आसपास 70 से अधिक तालाब हैं। माना जाता है कि ऋषि याज्ञवल्क्य का जन्म यहीं पर हुआ था। उस समय यहां पर 300 से अधिक तालाब और सरोवर हुआ करते थे। फिलहाल यहां 70 से अधिक तालाब हैं और अब इन्हें ही उदयपुर मॉडल के तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद वडनगर की पहचान गुजरात की ‘लेक सिटी’ के रूप में होगी।