26 फरवरी 2022 | राजस्थान में 5,396 पदों के लिए आयोजित हुई ग्रामीण विकास अधिकारी प्री भर्ती परीक्षा का परिणाम तैयार हो गया है। कर्मचारी चयन बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार मार्च के पहले सप्ताह में भर्ती परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया जाएगा। इसके बाद मई महीने में मुख्य परीक्षा का आयोजन होगा। ऐसे में प्री परीक्षा में कुल पदों से 15 गुना ज्यादा (81 हजार) अभ्यर्थियों का मुख्य परीक्षा के लिए चयन होगा।
राजस्थान सरकार ने ग्रामीण विकास अधिकारी भर्ती में 1500 पद बढ़ा दिए हैं। पहले जहां ग्राम विकास अधिकारी (VDO) के 3,896 पदों पर भर्ती होनी थी। वहीं, अब 5,396 पदों पर भर्तियां होंगी। कर्मचारी चयन बोर्ड ने संशोधित विज्ञप्ति जारी कर दी है। जिसके तहत अब कुल पदों में से 4,557 पद गैर अनुसूचित क्षेत्र (सामान्य) और 839 पद अनुसूचित क्षेत्र के लिए आरक्षित होंगे।
मई में होगी मुख्य परीक्षा
ग्रामीण विकास अधिकारी (VDO) मुख्य परीक्षा मई महीने में आयोजित की जाएगी। 100 अंकों के लिए 2 घंटे की परीक्षा में 120 प्रश्न पूछे जाएंगे। सभी प्रश्न मल्टीपल च्वॉइस वाले होंगे। इसमें नेगेटिव भी मार्किंग होगी। ऐसे में गलत उत्तर के लिए एक तिहाई अंक काटा जाएगा। मुख्य परीक्षा में सामयिक विषय, भूगोल और प्राकृतिक संसाधन, भारत-राजस्थान के विशेष संदर्भ के साथ कृषि और आर्थिक विकास, इतिहास और संस्कृति से सवाल आएंगे। इसके अलावा साधारण मानिसक योग्यता, रीजनिंग, अंग्रेजी, हिंदी, गणित, कंप्यूटर बेसिक, राज्य जिला तहसील पंचायत स्तर पर राजस्थान के प्रशासनिक ढांचे के प्रश्न भी पूछे जाएंगे।
14 लाख अभियर्थियों ने कराया था रजिस्ट्रेशन
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से प्रदेश के 25 जिलों में 27 और 28 दिसंबर को ग्रामीण विकास अधिकारी (VDO) भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसके लिए प्रदेश के 14 लाख 92 हजार अभ्यर्थी ने रजिस्ट्रेशन करवाया था। इस दौरान पहली बार ग्रामीण विकास अधिकारी के लेवल फर्स्ट में नेगेटिव मार्किंग नहीं की गई है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि VDO की प्री परीक्षा की कट ऑफ ज्यादा जा सकती है। इससे पहले 31 जनवरी को प्री-परीक्षा की आंसर-की जारी कर आपत्ति मांगी गई थी।
25 जिलों में आयोजित हुई थी प्री परीक्षा
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ग्राम विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा चार चरण में आयोजित की गई थी। इस दौरान पेपर लीक को लेकर संवेदनशील माने जाने वाले प्रदेश के बाड़मेर, चूरू, धौलपुर, जैसलमेर, जालोर, करौली और प्रतापगढ़ में एक भी केंद्र नहीं बनाया गया था। ऐसे में प्रदेश के 25 जिलों में ही ग्रामीण विकास अधिकारी की प्री-परीक्षा का आयोजन किया गया था। इससे पहले पटवारी भर्ती परीक्षा 23 जिलों में हुई थी। उस वक्त 10 जिलों को परीक्षा से बाहर रखा गया था।
Source;-“दैनिक भास्कर”