अमेरिका (USA) की पहली महिला, पहली अश्वेत और पहली दक्षिण एशियाई मूल की महिला होने के नाते अमेरिका की उप राष्ट्रपति बनीं कमला हैरिस (US VP Kamla Harris) की जीत पर भारत (India) में जश्न का माहौल है. आखिरी नतीजों से पहले कमला हैरिस के चाचा जी.बालाचंद्रन मीडिया के सामने आए वहीं परिवार की बेटी की जीत पर मुहर लगने के बाद उनकी आंटी ने भी ईश्वर को धन्यवाद देते हुए कमला हैरिस के इतिहास रचने पर खुशी जताई है.
एडिसन रिसर्च समेत प्रमुख अमेरिकी टीवी नेटवर्क्स ने शनिवार को अनौपचारिक आखिरी परिणामों के आधार पर कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप की जीत का अनुमान लगाया था. हालांकि उस दौरान भी ट्विटर पर सक्रिय ट्रंप अमेरिकी कोर्ट में अपने हक की लड़ाई जारी रखने की कसम खाते हुए खुद की जीत का ऐलान कर रहे थे.
रिकार्ड मेकर कमला हैरिस
कैलिफोर्निया से तालुक रखने वाली कमला हैरिस राजनीति में कई मिथक तोड़ते हुए अपने नाम कई रिकार्ड दर्ज करा चुकीं हैं. यानी उनके अप्रत्याशित ट्रैक रिकार्ड का हर कोई कायल है. कमला हैरिस अमेरिकी सीनेटर हैं, जिन्होंने सैन फ्रांसिस्को की पहली महिला जिला अटॉर्नी के तौर पर काम किया. वो कैलिफोर्निया (California) की पहली महिला थीं, जिन्हें अटॉर्नी जनरल चुना गया था.
हैरिस का भारत से गहरा नाता
कमला हैरिस की माता भारतीय और पिता जमैका से थे, उन्होंने उस वक्त भी अपनी दावेदारी को लेकर सनसनी फैला दी थी, जब उनके विरोधी उनके फैसले का मजाक बना रहे थे वहीं अमेरिका के इस दूसरे सर्वोच्च पद को लेकर उनका लक्ष्य एक दम साफ था. इसलिए उन्होंने अपनी डेमोक्रेट्स पार्टी में साथियों को मनाते हुए 2020 चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया था.
आंटी के पास यादों का पिटारा
बेटी की जीत के बाद कमला हैरिस की आंटी डॉ. सरला गोपालन (Dr Sarla Gopalan) के पास उनके बारे में कहने के लिए सिर्फ अद्भुत और असाधारण यादों का पिटारा मौजूद है. जिसे वो लगातार मीडिया और अपने परिचितों के साथ साझा कर रहीं हैं.
ज़ी मीडिया से मुखातिब परिजन
कमला हैरिस की चाची डॉ, सरला गोपालन ने हमारी सहयोगी वेबसाइट विऑन (Wion) से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा, ‘वह हमेशा एक अच्छी और सभी का ख्याल रखने वाली बच्ची रही है. वह सभी के साथ प्यार से पेश आती थी, मैं बेहद खुश और रोमांचित हूं कि क्योंकि उसने इतिहास रच दिया है और हम सभी बहुत खुश हैं.’
मां की परवरिश का बेटी पर क्या प्रभाव पड़ा, इस सवाल के जवाब में उनकी आंटी ने कहा कि कमला बचपन से मुखर रहीं हैं. और वो आज भी उनमें अपनी बहन श्यामला की झलक महसूस करतीं हैं.
कमला हैरिस की मां और अपनी बहन श्यामला का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ‘मेरी बहन स्वभाव से विद्रोही थी, 18 साल की उम्र में, उसने किसी को बिना बताए बर्कले विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया और चयनित होने के बाद ही माता-पिता को खुशखबरी के साथ इसकी जानकारी दी थी. वह एक सख्त मां भी थीं जिन्होंने कमला को मूल्यों की सीख दी थी और उसने उसे जीत के लिए लड़ना सिखाया. मुझे कमला में भी बहन की तरह विद्रोह की लकीर दिखाई देती है.’
डॉक्टर गोपालन (Dr Sarla Gopalan) ने कहा कि कमला में बचपन से कुछ कर गुजरने का हौसला था. युवावस्था से ही उन्होंने बड़े लक्ष्य पर ध्यान देना दिया, इस कड़ी में वो पहले अटॉर्नी जनरल, फिर सीनेटर और अब अपने देश की उप-राष्ट्रपति चुनी गईं. सरला गोपालन ने अपनी बहन और कमला हैरिस की मां श्यामला को उनके संघर्ष और बेटी को इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए धन्यवाद दिया है. उन्होंने कहा कि अगर उनके माता-पिता जीवित होते तो उन्हें इस क्षण का गौरव होता. डॉ. सरला गोपालन ने ये भी कहा कि उनका परिवार शपथ समारोह में जाएगा. उनके मुताबिक, उन्हें पहले से ही इस बात का आभास था कि कमला ही चुनाव जीतने जा रही हैं.
तमिलनाडु में जश्न का माहौल
कमला हैरिस की जीत के लिए तमिलनाडु (Tamilnadu) स्थित उनके पैतृक गांव तुलासेंतिरापुरम के लोगों ने प्रार्थना सभा का आयोजन किया था और जीत के ऐलान के बाद गांव में उनके पोस्टर लगाए गए हैं. गांव में कई जगह रंगोली बनाई गई है और खुशी में जमकर मिठाई भी बांटी गई.
ZEE