ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि मुख्यमंत्री के समक्ष ठगे गए पीड़ितों कि समस्या संज्ञान में लाकर उनके हितों को पुरजोर पैरवी केंद्र सरकार के समक्ष भी की जाए। केंद्र सरकार ने फ्रॉड कंपनियों में निवेशित मूलधन को वापस दिलाने के लिए उनकी अटैच संपत्तियों को नीलाम कर जो सराहनीय कार्य किया है, उसी तर्ज पर आदर्श क्रेडिट सोसाइटी के पीड़ितों को भी जल्द न्याय प्रदान किया जाए।
संगठन के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह ने बताया कि मल्टी स्टेट आदर्श कोऑपरेटिव सोसाइटी भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अंतर्गत पंजीकृत है। करीब चार साल पहले संस्था में पनपे भ्रष्टाचार को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर खुलासा हुआ।
ईडी, आयकर विभाग और एसओजी ने सोसायटी की तमाम संपत्तियों को अटैच कर लिया गया। साथ ही बैंकों में रखे इनके तमाम जमा धन के लेन-देन पर भी रोक लगा दी गई है। भारत सरकार ने संस्था को बंद कर दिया है और संस्था के प्रबंधकों को सेंट्रल जेल में डाल दिया।
संस्था के बंद हो जाने पर पैसा जमा करवाने वालों की माली हालत खराब है।। बिलासपुर ब्रांच में ठेला-फड़ी लगाने वालों से लेकर किसान बगवान, मजदूरों और सेवानिवृत्त कर्मियों ने 25 करोड़ रुपये जमा किया था।
प्रदेश में इस संस्था में करीब 15 लाख निवेशक अपनी 111 ब्रांचों में करीब 150 करोड़ का कारोबार दर्ज करा चुके हैं। संस्था करीब 12,433 करोड़ रुपयों का ऋण भी बांट चुकी है। लोकसभा और राज्यसभा में भी इस मसले को बार-बार उठाया है। इस मौके पर रजनीश शर्मा, प्यार सिंह, सुंदर राम सहगल, आशा पठानिया और शांति मोदगिल मौजूद रहे।