रांची: लोक आस्था के महापर्व छठ की धूम बिहार-झारखंड सहित देश के अन्य राज्यों में भी है. चार दिवसीय छठ पर्व का आज तीसरा दिन है. इस दौरान पूरा झारखंड छठ को लेकर भक्तिमय हो गया है. चारों तरफ छठी मैया की गीतों की गूंज हैं. छोटे से लेकर बड़े तक सभी इस पर्व का पूरे हर्षोल्लास के साथ मना रहे हैं.
इस बीच, रांची के हटानिया तालाब में शुक्रवार शाम व्रतियों ने पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया. इस दौरान राजधानी रांची की सभी सड़कें दुल्हन की तरह सज गई है. गंगा घाटों में सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था किए गए हैं. राजधानी की मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक की सफाई की गई है. आम से लेकर खास तक के लोगों ने सड़कों की सफाई में व्यस्त हैं. हर कोई छठ पर्व में हाथ बंटाना चाह रहा है. रांची में कई पूजा समितियों द्वारा भगवान भास्कर की मूर्ति स्थापित की गई है.
कई स्थानों पर तोरण द्वार लगाए गए हैं तो कई पूजा समितियों द्वारा लाइटिंग की व्यवस्था की गई है. कई स्थानों पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए अस्थायी तालाब बनाए गए हैं. इस दौरान कोविड नियमों के पालन करने की अपील की जा रही है. रांची के हटानिया तालाब में जाने से पहले लोगों को सैनिटाइजर और मास्क दिए गए.
बता दें कि गुरुवार की शाम व्रतियों ने भगवान भास्कर की अराधना की और खरना किया. खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ हो गया. खरना का प्रसिद्ध प्रसाद गुड़ की बनी खीर और घी लगी रोटी लेने के लिए लोग देर रात तक व्रती के घर पहुंचते रहे.
शुक्रवार की शाम छठव्रती नदी, तालाबों सहित विभिन्न जलाशयों में पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया. पर्व के चौथे दिन यानी शनिवार सुबह उदीयमान सूर्य के अर्घ्य देने के बाद ही श्रद्धालुओं का व्रत समाप्त हो जाएगा. इसके बाद व्रती फिर अन्न-जल ग्रहण कर व्रत समाप्त करेंगे.
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