रांची. क्रिकेट के बाद किसानी और पशुपालन के क्षेत्र में भाग्य आजमा रहे महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. एक तरफ धोनी जहां इनदिनों IPL की तैयारियों में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी ओर उनका कड़कनाथ मुर्गा (Kadaknath Cock) बुधवार यानी 31 मार्च से रांची के बाजारों में उपलब्ध होने जा रहा है.
रांची के थोक बाजार डेली मार्केट में आमलोगों के लिए कड़कनाथ मुर्गा 900 से 1000 रुपये प्रति किलो की दर से बिक्री के लिए उपलब्ध रहेगा. वहीं इसका अंडा 35 से 40 रुपये प्रति पीस की दर से बेचा जाएगा. बाजार में कड़कनाथ मुर्गे 800 ग्राम से लेकर करीब दो किलो तक बिक्री के लिए उपलब्ध रहेंगे. धोनी के ईजा फार्महाउस के संचालक ने बताया कि मुर्गों को काफी हिफाजत से पाला गया है. और ये स्वाद में लाजवाब हैं. कड़कनाथ मुर्गों का रंग जहां बेहद काला होता है. वहीं इनके मांस और बोन्स का रंग भी दूसरों मुर्गों से थोड़ा अलग काले रंग का होता है. इसमें हाईप्रोटीन और लो फैट के साथ इम्यूनिटी बढ़ाने के भी गुण होते है. इसी लिहाज से कोरोनाकाल में लोग इसे बेहद पसंद कर रहे हैं.
हालांकि रांची के बाजारों में पहले से भी कड़कनाथ मुर्गे उपलब्ध हैं. इनकी कीमत 700 से 900 रुपये प्रतिकिलो है. लेकिन कड़कनाथ बेचने वालों की संख्या कम होने की वजह से आम खरीदारों तक इसकी पहुंच आसान नहीं थी.जबकि रांची में कड़कनाथ मुर्गों के शौकीनों की कमी नहीं है. नॉनवेज के शौकीन लोग कड़कनाथ के स्वाद के लिए पैसे खर्च करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. ऐसे में डेली मार्केट के आउटलेट में धोनी का कड़कनाथ बाजार में आने से पहले ही सुर्खियों में आ चुका है. अब कड़कनाथ के स्वाद के शौकीन आसानी से आउटलेट से इसे खरीद सकते हैं.धोनी के 43 एकड़ के इजा फार्महाउस में एक पॉल्ट्री फार्म भी तैयार किया गया है. जहां बड़े पैमाने पर कड़कनाथ मुर्गियों को पालने की व्यवस्था है. लेकिन कोरोना की वजह से इन मुर्गियों को फार्म हाउस के बजाय धोनी के दूसरे आवास पर रखा गया है.
आपको बता दें कि धोनी ने मध्य प्रदेश के झाबुआ से कड़कनाथ के चूजों की एक खेप मंगायी थी. और आज यही चूजे बड़े होकर अंडे भी दे रहे हैं. और मांस के लिए भी तैयार हो चुके है. हालांकि बीच में कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से धोनी ने झाबुआ से दूसरी खेप के ऑर्डर को कैंसिल कर दिया था. लेकिन बताया जा रहा है कि जैसे ही संक्रमण में कमी आएगी. झाबुआ से चूजों की खेप आनी शुरू हो जाएगी.