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चखना चाहते हैं राजस्थानी विरासत और परंपरा का स्वाद जरूर देखने जाएं ये 5 मशहूर मेले

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Jan 21, 2021
चखना चाहते हैं राजस्थानी विरासत और परंपरा का स्वाद, जरूर देखने जाएं ये 5 मशहूर मेले राजस्थान एक ऐसा राज्य है जिसकी समृद्ध विरासत और परंपराओं का स्वाद चखने के लिए यहां आयोजित होने वाले मेलों का हिस्सा बनना चाहिए। इन मेलों में से अधिकांश में रंग-बिरंगे स्टॉल, सुरुचिपूर्ण कलाकृतियां, लुभाने और मुंह में पानी लाने वाले व्यंजन, पारंपरिक राजस्थानी पोशाक, लोक गीत, लोक नृत्य और विभिन्न रोचक प्रतियोगिताएं देखी जा सकती हैं। पूरे साल राजस्थान इन अद्भुत मेलों और समारोहों के रंगों की चमक से भरा रहता है। इन मेलों ने राजस्थान के लोकगीतों में एक नई जान फूंक दी है और राज्य के देहाती आकर्षण को प्रदर्शित करता है। जब तक आप राजस्थान में एक या दो मेले नहीं देख लेते यहां के रंग से अंजान बने रहेंगे। यदि आप सोच रहे हैं कि राजस्थान के मेलों के लिए सबसे अच्छी लिस्ट कहां मिलेगी, तो चिंता ना करें क्योंकि हमने आपके लिए कुछ नाम चुने हैं। बेणेश्वर मेला: जयपुर के सबसे यादगार मेलों में से एक बेनेश्वर मेला है डूंगरपुर में शिवरात्रि के समय जनवरी और फरवरी के महीने में आयोजित किया जाता है। यह आदिवासी उत्सव माही और सोम नदियों के तट पर आयोजित किया जाता है और गीत और पूजा, लोक गीत, जादू और पशु शो की भीड़ इसमें देखने को मिलती है। नागौर मेला हर साल जनवरी और फरवरी में मनाया जाता है और यहां किसान समुदाय अपने मवेशियों को खरीदने और बेचने के लिए आते हैं। गोगाजी का मेला: प्रसिद्ध जयपुर मेलों में से एक गोगाजी मेला भी है जो गंगानगर जिले के गोगा मेड़ी में आयोजित किया जाता है। यह आमतौर पर अगस्त के महीने में आयोजित किया जाता है। इस मेले के दौरान, सांप भगवान की पूजा की जाती है और कई भक्त गोगा मेड़ी में समाधि पर श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा होते हैं। इस क्षेत्र के लोग मानते हैं कि ऐसा करने से सांप के काटने और अन्य बीमारियों से वह ठीक हो सकते हैं। रामदेवरा मेला: एक अन्य महत्वपूर्ण मेला जैसलमेर में रामदेवरा मेला है। इस छोटे से गांव का नाम बाबा रामदेवरा है। कई श्रद्धालु इस मेले में शामिल होते हैं और उन्हें 'भजन' और 'कीर्तन' के साथ श्रद्धांजलि देते हैं। मारवाड़ महोत्सव: मारवाड़ महोत्सव अक्टूबर के महीने में आयोजित किया जाता है, यह जोधपुर में होने वाला एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जो आपको इस क्षेत्र की कला और संस्कृति के शानदार प्रदर्शन से जोड़ता है। इस त्योहार के दौरान, लोक नर्तक लड़ाई के दृश्यों को प्रदर्शित करते हैं और उन समय के योद्धाओं के बहादुर कृत्यों की मिसाल भी यहीं देखने को मिलती है। ऊंट टैटू शो और पोलो मैच भी उत्सव का अहम हिस्सा हैं जो इसकी भव्यता बढ़ाने का काम करते हैं। उम्मेद भवन पैलेस उत्सव के दौरान जीवंत हो उठता है। कैला देवी मेला: कैला देवी मेला राजस्थान के कैला गांव में अप्रैल और मार्च के महीनों के दौरान आयोजित किया जाता है, यह लगभग एक पखवाड़े के लिए मनाया जाता है। यह मेला कैला गांव में कालीसिल नदी के तट पर आयोजित किया जाता है। आप यहां पूरे साल भक्तों का आना जाना देख सकते हैं, जो देवी के मंदिर में श्रद्धांजलि देने के लिए यहां एकत्र होते हैं।

राजस्थान एक ऐसा राज्य है जिसकी समृद्ध विरासत और परंपराओं का स्वाद चखने के लिए यहां आयोजित होने वाले मेलों का हिस्सा बनना चाहिए। इन मेलों में से अधिकांश में रंग-बिरंगे स्टॉल, सुरुचिपूर्ण कलाकृतियां, लुभाने और मुंह में पानी लाने वाले व्यंजन, पारंपरिक राजस्थानी पोशाक, लोक गीत, लोक नृत्य और विभिन्न रोचक प्रतियोगिताएं देखी जा सकती हैं।

पूरे साल राजस्थान इन अद्भुत मेलों और समारोहों के रंगों की चमक से भरा रहता है। इन मेलों ने राजस्थान के लोकगीतों में एक नई जान फूंक दी है और राज्य के देहाती आकर्षण को प्रदर्शित करता है। जब तक आप राजस्थान में एक या दो मेले नहीं देख लेते यहां के रंग से अंजान बने रहेंगे। यदि आप सोच रहे हैं कि राजस्थान के मेलों के लिए सबसे अच्छी लिस्ट कहां मिलेगी, तो चिंता ना करें क्योंकि हमने आपके लिए कुछ नाम चुने हैं।

बेणेश्वर मेला:
जयपुर के सबसे यादगार मेलों में से एक बेनेश्वर मेला है डूंगरपुर में शिवरात्रि के समय जनवरी और फरवरी के महीने में आयोजित किया जाता है। यह आदिवासी उत्सव माही और सोम नदियों के तट पर आयोजित किया जाता है और गीत और पूजा, लोक गीत, जादू और पशु शो की भीड़ इसमें देखने को मिलती है।

नागौर मेला हर साल जनवरी और फरवरी में मनाया जाता है और यहां किसान समुदाय अपने मवेशियों को खरीदने और बेचने के लिए आते हैं।

गोगाजी का मेला:
प्रसिद्ध जयपुर मेलों में से एक गोगाजी मेला भी है जो गंगानगर जिले के गोगा मेड़ी में आयोजित किया जाता है। यह आमतौर पर अगस्त के महीने में आयोजित किया जाता है।

इस मेले के दौरान, सांप भगवान की पूजा की जाती है और कई भक्त गोगा मेड़ी में समाधि पर श्रद्धांजलि देने के लिए इकट्ठा होते हैं। इस क्षेत्र के लोग मानते हैं कि ऐसा करने से सांप के काटने और अन्य बीमारियों से वह ठीक हो सकते हैं।

रामदेवरा मेला:
एक अन्य महत्वपूर्ण मेला जैसलमेर में रामदेवरा मेला है। इस छोटे से गांव का नाम बाबा रामदेवरा है। कई श्रद्धालु इस मेले में शामिल होते हैं और उन्हें ‘भजन’ और ‘कीर्तन’ के साथ श्रद्धांजलि देते हैं।

मारवाड़ महोत्सव:
मारवाड़ महोत्सव अक्टूबर के महीने में आयोजित किया जाता है, यह जोधपुर में होने वाला एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जो आपको इस क्षेत्र की कला और संस्कृति के शानदार प्रदर्शन से जोड़ता है।

इस त्योहार के दौरान, लोक नर्तक लड़ाई के दृश्यों को प्रदर्शित करते हैं और उन समय के योद्धाओं के बहादुर कृत्यों की मिसाल भी यहीं देखने को मिलती है। ऊंट टैटू शो और पोलो मैच भी उत्सव का अहम हिस्सा हैं जो इसकी भव्यता बढ़ाने का काम करते हैं। उम्मेद भवन पैलेस उत्सव के दौरान जीवंत हो उठता है।

कैला देवी मेला:
कैला देवी मेला राजस्थान के कैला गांव में अप्रैल और मार्च के महीनों के दौरान आयोजित किया जाता है, यह लगभग एक पखवाड़े के लिए मनाया जाता है। यह मेला कैला गांव में कालीसिल नदी के तट पर आयोजित किया जाता है। आप यहां पूरे साल भक्तों का आना जाना देख सकते हैं, जो देवी के मंदिर में श्रद्धांजलि देने के लिए यहां एकत्र होते हैं।

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