धमतरी। रबी धान फसल के लिए गंगरेल बांध के पेन स्टाक के जरिये पानी छोड़ा गया है। कुल 1450 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया जा रहा है। वहीं रुद्री बैराज से महानदी मुख्य नहर में 1500 क्यूसेक सिंचाई पानी धमतरी व कुरुद क्षेत्र के लिए छोड़ा गया है। जबकि अभनपुर व बालोद जिले के गुरुर विकासखंड के किसानों को सिंचाई पानी के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा।
रबी धान फसल लगाने के लिए नहर सिंचाई पानी छोड़े जाने का किसानों को बेसब्री से इंतजार था। 13 जनवरी को गंगरेल बांध से रुद्री बैराज में पेन स्टाक से 1450 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जबकि रुद्री बैराज से महानदी मुख्य नहर में 1500 क्यूसेक पानी रबी सिंचाई धान फसल के लिए छोड़ा गया है।
यह पानी धमतरी और कुरुद ब्लाक के किसानों के लिए है। जल संसाधन विभाग के एसडीओ एमडी महंत ने बताया कि महानदी मुख्य नहर से 49 किलोमीटर के दायरे कोड़ापार तक के लिए पानी दिया गया है। इस पानी से धमतरी और कुरुद क्षेत्र 15800 हेक्टेयर रकबा में सिंचाई होगी।
महानदी मुख्य नहर से के 14 वितरक शाखाओं से होते हुए किसानों के खेतों तक नहरों से पानी पहुंचेगा। महानदी मुख्य नहर में पानी छूटने के बाद किसान रबी धान फसल लेने की तैयारी में किसान द्रुत गति से जुट गए हैं। नहर सिंचाई पानी के भरोसे धान फसल लेने वाले अधिकांश किसान लाइचोपी पद्धति से खेती करेंगे।
- अभनपुर व गुरुर के किसानों को करना पड़ेगा इंतजार
रायपुर जिले के अभनपुर क्षेत्र और बालोद जिले के गुरूर ब्लाक के किसानों को रबी धान फसल के लिए सिंचाई पानी देना प्रस्तावित है। फिलहाल इन क्षेत्रों के लिए महानदी मुख्य नहर से पानी नहीं दिया जाएगा। ऐसे में इन क्षेत्रों के किसानों को सिंचाई पानी के लिए थोड़ा इंतजार और करना पड़ेगा।
अभनपुर क्षेत्र के किसानों को 3000 हेक्टेयर रकबा में सिंचाई पानी देना प्रस्तावित है। वहीं बालोद जिले के गुरुर ब्लाक अंतर्गत 749 हेक्टेयर क्षेत्र पर पानी देना प्रस्तावित है। सिंचाई पानी मिलने की खबर के बाद इस क्षेत्र के किसान रबी में धान फसल लेने के लिए खेतों की साफ-सफाई में जुट गए है।
पानी मिलते ही किसान अपने खेतों में लाईचोपी पद्धति से धान लगाएंगे। रोपाई के लिए उनके पास नर्सरी की व्यवस्था नहीं है। अभनपुर व गुरूर ब्लाक के किसानों को अब सिंचाई पानी देने का इंतजार रहेगा।