उज्जैन । प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने उज्जैन को पानी के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की बात कही है। नईदुनिया से विशेष चर्चा में कहा है कि पानी के मामले में उज्जैन की नर्मदा पर निर्भरता खत्म करेंगे।
अगले कुछ वर्षों में उज्जैन, नर्मदा के भरोसे नहीं रहेगा। शिप्रा अपने ही जल से बारह माह भरी रहे, इसके लिए योजना बनाएंगे। शिप्रा का जल शुद्ध रहे, इसके लिए त्रिवेणी घाट के समीप जहां हर साल मिट्टी का कच्चा बांध बनता रहा है, वहां अब पक्का बांध बनेगा। इसकी साध्यता के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी है। बांध 6 मीटर ऊंचा और करीब 50 मीटर लंबा होगा। निर्माण पर 4.73 करोड़ र्स्पये खर्च होंगे। इसी के साथ रमजानखेड़ी क्षेत्र में गंभीर नदी पर 5 मीटर ऊंचा और 100 मीटर लंबा बांध बनाया जाएगा। निर्माण पर 5.18 करोड़ र्स्पये खर्च होंगे। इसकी प्रशासकीय स्वीकृति हो गई है। निविदा प्रक्रिया उपरांत करीब इस साल के अंत तक बांध बनकर तैयार कराया जाएगा। इस बांध के बनने से सांवेर और उज्जैन में जल संकट कभी नहीं आएगा।
वे यहां ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर के दर्शन करने आए थे। उन्होंने यहां भारतीय जनता पार्टी के कार्यालय लोकशक्ति भवन में स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं महकमे के अफसरों संग बैठक की। जब वे यहां पैदल ही उज्जैन सिटी प्रेस क्लब में रखे आयुष्मान कार्ड शिविर में जा रहे थे, तब रास्ते में नईदुनिया प्रतिनिधि से उन्होंने पानी को लेकर प्रदेश की भविष्य की योजना पर अपने योजना साझा की। बता दें कि शिप्रा में खान नदी का गंदा पानी मिलने से रोकने व पानी के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी मंत्री सिलावट से मिले थे।
आज मकर संक्रांति, नहान के लिए शिप्रा में आया नर्मदा का 2 एमसीएम पानी
मकर संक्रांति पर्व गुर्स्वार को मनाया जाएगा। इस दिन नदी में स्नान की परंपरा है। इसके चलते प्रशासन, शिप्रा के आंचल में नर्मदा का 2 एमसीएम पानी पाइपलाइन के जरिये लाया है। श्रद्धालु, नर्मदा के शुद्ध जल में स्नान करें, इसके लिए नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने 2 जनवरी से पाइपलाइन के जरिये नर्मदा का पानी इंदौर के गांव उज्जैनी से छोड़ना शुरू किया था। बीते 11 दिन में उज्जैन 2 एमसीएम पानी पहुंचा है।