• March 28, 2024 7:23 pm

कौन हैं रोहिंग्या मुस्लिम, जिन पर लग रहा जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती की शोभा यात्रा पर हमले का आरोप?

Share More

19 अप्रैल 2022 | दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती की शोभा यात्रा पर पथराव के बाद इलाके में तनाव फैल गया। दो पक्षों के बीच हुए इस हिंसक बवाल में 8 पुलिसकर्मियों समेत कई लोगों घायल हो गए। हिंसा पर उतारू भीड़ ने घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की और कई गाड़ियों को आग लगा दी।

पुलिस ने इस मामले में अब तक 2 नाबालिगों समेत 23 लोगों को अरेस्ट किया है। वहीं मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है। इस बीच ‌BJP ने जहांगीपुरी हिंसा के पीछे रोहिंग्या मुस्लिमों का हाथ होने का आरोप लगाया है।

चलिए जानते हैं कि कौन हैं रोहिंग्या मुस्लिम? क्यों उन पर लग रहा है जहांगीरपुरी में हिंसा का आरोप? भारत में है रोहिंग्या मुस्लिम की कितनी आबादी? हिंसा में रोहिंग्या के शामिल होने की बात कितनी सच?

क्यों आया जहांगीरपुरी हिंसा में रोहिंग्या मुस्लिमों का नाम?
जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती की शोभा यात्रा पर पथराव के बाद हुई हिंसा के लिए BJP ने रोहिंग्या मुस्लिमों और अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों को जिम्मेदार ठहराया।

दिल्ली BJP अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सरकार पर दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले रोहिंग्या मुस्लिमों को बिजली और पानी की सुविधाएं देने का आरोप लगाया।

इसके जवाब में आप के विधायक नरेश बालियान ने BJP से कहा कि जब पुलिस, CBI सब आपकी है तो रोहिंग्या और बांग्लादेशी देश के अंदर आए कैसे?

जहांगीरपुरी में क्या सच में हैं रोहिंग्या मुस्लिम?
जहांगीरपुरी दिल्ली के उत्तर-पश्चिम जिले में बसा है। यह एशिया की सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडी आजादपुर के पास स्थित है। जहांगीरपुरी बेहद सघन बसा इलाका है और यहां हिंदू-मुस्लिम और पंजाबी समुदाय के लोग रहते हैं।

आजादपुर मंडी पास में होने की वजह से यहां बड़ी संख्या में लोग फल-सब्जी के काम से जुड़े हैं। जहांगीरपुर में निम्न मध्यम आय वर्ग की तादाद अच्छी खासी है, इसलिए यहां झुग्गी-झोपड़ियां भी बनी हैं। जहांगीरपुरी इलाके को A से लेकर H तक आठ ब्लॉक में बांटा गया है।

जहांगीरपुरी के ब्लॉक C और ब्लॉक H-2 में मुस्लिमों की आबादी ज्यादा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्लॉक C और ब्लॉक H-2 में बांग्लादेशी मुस्लिमों की आबादी सबसे ज्यादा है, जिनमें से कई के रोहिंग्या होने का भी दावा किया जाता है। हालांकि, इनकी संख्या कितनी है, इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं है। शनिवार को हनुमान जयंती के मौके पर हुई हिंसा जहांगीरपुरी के C ब्लॉक में ही हुई थी।

कौन हैं रोंहिग्या मुस्लिम?
रोहिंग्या एक स्टेटलेस या राज्यविहीन जातीय समूह हैं। ये इस्लाम को मानते हैं और म्यांमार के रखाइन प्रांत से आते हैं। 1982 में बौद्ध बहुल देश म्यांमार ने रोहिंग्या की नागरिकता छीन ली थी।

इससे उन्हें शिक्षा, सरकारी नौकरी समेत कई अधिकारों से अलग कर दिया गया। तब से म्यांमार में रोहिंग्या के खिलाफ हिंसा जारी है। 2017 में हुए रोहिंग्या के नरसंहार से पहले म्यांमार में उनकी आबादी करीब 14 लाख थी।

2015 के बाद से म्यांमार से 9 लाख से ज्यादा रोहिंग्या शरणार्थी भागकर बांग्लादेश और भारत समेत आसपास के अन्य देशों में जा चुके हैं। अकेले बांग्लादेश में रोहिंग्या की संख्या 13 लाख से ज्यादा है।

दिल्ली में रोहिंग्या की कई बस्तियां

  • यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजीज यानी UNHRC के अनुसार, दिल्ली में 1000 रोहिंग्या शरणार्थी रजिस्टर्ड हैं। हालांकि, इनकी वास्तविक संख्या इससे ज्यादा होने का अनुमान है।
  • भारत में रोहिंग्या की बसावट के मामले में दिल्ली प्रमुख स्थानों में से एक है। दिल्ली में कम से कम पांच ऐसे अनौपचारिक शिविर मौजूद हैं, जहां रोहिंग्या की आबादी बड़ी संख्या में है।
  • यहां जसोला, यमुना नदी के किनारे, श्रम विहार, कंचन विहार और साउथ दिल्ली स्थित मदनपुर खादर समेत पांच ऐसे इलाके हैं, जहां रोहिंग्या मुस्लिमों की आबादी है।
  • एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में रोहिंग्या मुस्लिम अपना धर्म तक बदलने लगे हैं।

भारत में कितने रोहिंग्या हैं?
भारत में 2012 के बाद से रोहिंग्या मुस्लिमों की संख्या तेजी से बढ़ी है। गृह मंत्रालय ने, UNHRC के हवाले से बताया कि भारत में दिसंबर 2021 तक 18 हजार रोहिंग्या मुस्लिमों के होने की जानकारी मौजूद है।

  • 2017 में मोदी सरकार ने राज्य सभा में बताया था कि भारत में करीब 40 हजार रोहिंग्या आबादी अवैध रूप से रह रही है।
  • सरकार ने कहा था कि महज 2 साल के अंदर ही देश में रोहिंग्या की आबादी 4 गुना बढ़ गई ।
  • सरकार के मुताबिक, देश में रोहिंग्या विशेषकर जम्मू-कश्मीर, हैदराबाद, दिल्ली-NCR, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मणिपुर में हैं।
  • सरकार ने स्पष्ट किया था कि देश में बांग्लादेशियों और रोहिंग्या के लिए कोई शरणार्थी कैंप नहीं है।
  • सरकार संबद्ध राज्य सरकारों के साथ मिलकर अवैध रोहिंग्या को उनके देश वापस भेजने की तैयारी कर रही है।
  • ह्यूमन राइट्स वॉच यानी HRW के मुताबिक, भारत में करीब 40 हजार रोहिंग्या देश के अलग-अलग हिस्सों में कैंपों और झुग्गियों में रहते हैं।
  • एक अनुमान के मुताबिक, करीब 5 हजार रोहिंग्या मुस्लिम जम्मू-कश्मीर के आसपास के इलाकों में रहते हैं। हालांकि, रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनकी असली संख्या 10 हजार के करीब है।

सरकार बता चुकी है रोहिंग्या को देश की सुरक्षा के लिए खतरा

  • सरकार भारत में आने वाले रोहिंग्या को ‘अवैध अप्रवासी’ और ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के लिए खतरा बता चुकी है।
  • इसीलिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से रोहिंग्या को शरणार्थी का दर्जा दिए जाने के बाद भी भारत सरकार उन्हें अवैध अप्रवासी की श्रेणी में रखती है।
  • भारत UN शरणार्थी संधि 1951 या उसके 1967 प्रोटोकॉल का हस्ताक्षरकर्ता देश नहीं है, इसलिए रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर UN के नियम मानने को बाध्य नहीं है।
  • भारत विदेश से आने वालों को मामले-दर-मामले के आधार पर शरणार्थियों का दर्जा देता है।
  • 2016 में मोदी सरकार ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैन, पारसी, ईसाइयों को भारतीय नागरिकता पाने की अनुमति दी थी।
  • सरकार की करीब 40 हजार अवैध रोहिंग्या को वापस म्यांमार डिपोर्ट करने की योजना है।
  • सरकार के इस फैसले के खिलाफ 2021 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई थी। शीर्ष अदालत ने रोहिंग्या के प्रत्यर्पण को रोकने से इनकार कर दिया था।
  • रोहिंग्या मुस्लिमों का ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।

भारत में रोहिंग्या का अवैध प्रवेश कराते हैं गैंग

  • इस साल मार्च में राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA ने एक मानव तस्करी का भंडाफोड़ करते हुए 6 लोगों को अरेस्ट किया था। ये गैंग नकली दस्तावेजों के जरिए रोहिंग्या मुस्लिमों को भारत में प्रवेश करने और बसने में मदद करता था।
  • ये गैंग असम, बंगाल, मेघालय और देश के अन्य हिस्सों की सीमा पर सक्रिय था। NIA ने इस मामले में असम, मेघालय और कर्नाटक के भी कई हिस्सों पर छापेमारी की थी।
  • रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई गैंग पकड़े गए हैं, जो फर्जी दस्तावेजों की मदद से रोहिंग्या को बांग्लादेश से भारत लाने का काम करते हैं।
  • भारत की सीमा में लाने के बाद पहले उनका UNHRC में रजिस्ट्रेशन कराया जाता है और फिर उन्हें अलग-अलग राज्यों में पहचान बदलकर शरण दिलाई जाती है।

रोहिंग्या के मुद्दे पर गर्माती रही है राजनीति

  • पिछले कुछ वर्षों से रोहिंग्या का मुद्दा भारतीय राजनीति में बहुत गर्म रहा है। BJP रोहिंग्या और अवैध बांग्लादेशियों को देश से निकालने की मांग करती रही है।
  • 2019 चुनावों के दौरान BJP ने केजरीवाल सरकार पर वोट बैंक की राजनीति करते हुए रोहिंग्या मुस्लिमों को राशन कार्ड मुहैया कराने का आरोप लगाया था।
  • 2021 में दिल्ली हाईकोर्ट में रोहिंग्या मामले पर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि वह रोहिंग्या शरणार्थियों के खाने-पीने का इंतजाम कर रही है।
  • केंद्र सरकार भले ही रोहिंग्या के किसी आधिकारिक कैंप से इनकार करे, लेकिन दिल्ली में रोहिंग्या की कई अनौपचारिक बस्तियां और कैंप बने हैं।

क्या रोहिंग्या का है आतंक से कनेक्शन?

  • बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स यानी BSF के DG केके शर्मा ने 2018 में कहा था कि देश में अवैध रूप से रोहिंग्या का बड़ी संख्या में आना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।
  • उन्होंने कहा था कि रोहिंग्या के आतंकी संगठनों से लिंक की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता है।
  • रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहिंग्या छोटी-मोटी चोरियों से लेकर लूटपाट, हत्या और डकैती जैसे बड़े अपराधों में भी शामिल रहते हैं।
  • कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2020 में दिल्ली में शाहीनबाग और जफराबाद में हुए CAA प्रोटेस्ट में सैकड़ों की संख्या में रोहिंग्या ने हिस्सा लिया था।
  • रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजनीतिक दलों ने वोट के फायदे के लिए कई रोहिंग्या के राशन और आधार कार्ड तक बनवा दिए हैं, जिससे अवैध रूप से रह रहे कई रोहिंग्या की पहचान भी मुश्किल हो गई है।
  • वैसे अब तक भारत में किसी आतंकी हमले में किसी रोहिंग्या रिफ्यूजी का हाथ होने को लेकर कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है।

क्या जहांगीरपुरी हिंसा के पीछे रोहिंग्या मुस्लिमों का हाथ था?
हनुमान जयंती की शोभा यात्रा पर पथराव के बाद जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के दौरान दंगाइयों ने दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर मेदालाल मीणा पर गोली चलाई थी। मेदालाल का कहना है कि जैसे ही शोभा यात्रा C ब्लॉक में मस्जिद के पास पहुंची, उस पर पथराव शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि दंगाई नारे लगा रहे थे और उनकी बोली काफी हद तक बांग्लादेशियों जैसी थी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जहांगीरपुरी के जिस C ब्लॉक में ये हिंसा हुई, वहां बांग्लादेशी मुस्लिमों की आबादी सबसे ज्यादा है और वहां कथित रूप से रोहिंग्या भी रहते हैं। अब सवाल ये कि क्या जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दौरान हुई हिंसा में रोहिंग्या मुस्लिमों का हाथ था? इसका जवाब अगले कुछ दिनों में आने वाली दिल्ली पुलिस की जांच रिपोर्ट में सामने आ जाएगा।

Source;- ‘’दैनिक भास्कर’


Share More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *