संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को मजबूत करने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों का रुख करने का फैसला लिया है। वहां पर युवाओं से कानूनों पर चर्चा करने के साथ उनको आंदोलन से जोड़ा जाएगा। इस तरह से अब आंदोलन में युवाओं को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों की फसल को ग्रामीणों से कटवाने का फैसला लिया गया है। उस फसल को बेचकर पूरा हिसाब भी ग्रामीण देंगे। इसके अलावा आंदोलन की अगली रणनीति की घोषणा बुधवार को करने की बात कही गई है। वहीं कुंडली बॉर्डर पर सोमवार को महिलाओं ने किसानों पर कोरड़े बरसाकर होली खेली तो निहंग सिखों ने करतब भी दिखाए। वहां किसानों के बीच में राकेश टिकैत भी पहुंचे और आंदोलन को मजबूत करने का आह्वान किया।
किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि लुधियाना के कृषि विश्वविद्यालय में 3 अप्रैल को किसान संगठनों के नेता जाएंगे। जहां युवाओं के साथ कृषि कानूनों पर चर्चा होगी। युवाओं को बताया जाएगा कि किस तरह से कृषि कानून किसानों के लिए फांसी का फंदा है। हरियाणा की कृषि यूनिवर्सिटी में भी इस तरह के कार्यक्रम होंगे। दर्शनपाल ने कहा कि अभी तक कई बड़े लेखक अपनी किताबों में यह बता चुके हैं कि आखिर क्यों नए कानून किसानों के लिए नुकसानदायक हैं। वहीं अब सरदार जोगिंद्र सिंह तूर ने अपनी किताब में साफतौर पर कहा है कि यह कानून किस तरह से किसानों को कर्जदार बनाने के साथ कंगाल कर देंगे।
उन्होंने बताया कि किसानों को फसलों के भाव नहीं मिल रहे, जिसके कारण अब तक 10 लाख के करीब किसान खुदकुशी कर चुके हैं। वहीं जिन जगहों पर यह कानून लागू हुए हैं, वहां के परिणाम डराने वाले हैं। उन्होंने एक मामले का जिक्र करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में फर्जी व्यापारी फसल खरीद कर फर्जी चेक देकर चले गए और वे चेक बाउंस हो गए। जिस तरह से यह आंदोलन पूरे देश में फैल गया है। अब इस जन आंदोलन की आग में मोदी सरकार को पिघलना पड़ेगा।
बॉर्डर पर बैठे किसानों की फसल काटेंगे ग्रामीण
किसान मोर्चा के नेताओं ने तय किया है कि दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसानों के खेतों में खड़ी फसलों को ग्रामीण काटेंगे और फसल बेचकर पूरा हिसाब भी किसानों को देंगे। पंजाब के गांवों में यह संदेश पहुंचा दिया गया है और किसानों ने फसलों की कटाई शुरू भी कर दी हैं। इस तरह ही हरियाणा के किसानों को कहा जा रहा है।
राकेश टिकैत बोले, भाजपा विधायक के कपड़े उनके ही लोगों ने फाड़े
कुंडली बॉर्डर पर सोमवार को मोर्चा के सभी नेताओं ने एकत्रित होकर किसान आंदोलन को मजबूत करने का संकल्प लिया। यहां मोर्चा के लगभग सभी पदाधिकारी पहुंचे और एक दूसरे को गुलाल लगाया। हरियाणा की महिलाओं ने कोरड़े मारकर होली खेलनी शुरू की तो पंजाब के किसान अपने टेंट से निकलकर भागने लगे। वहीं निहंग सिंखों ने सोमवार को कुंडली बॉर्डर पर करतब दिखाए और वहां किसान नेता राकेश टिकैत भी पहुंचे। राकेश टिकैत ने कहा कि पंजाब में किसान केवल अपना विरोध जता रहे थे। वहां भाजपा विधायक के साथ मारपीट व कपड़े फाड़ने की घटना में किसान शामिल नहीं थे। किसान नेता ने कहा कि भाजपा विधायक के कपड़े उनके ही लोगों ने फाड़े हैं, जिससे इस मामले को तूल देकर किसानों को बदनाम किया जा सके।