• April 26, 2024 12:59 am

केन्द्र सरकार के नए कृषि कानूनों से छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों की रक्षा हरहाल में की जाएगी

ByPrompt Times

Oct 12, 2020
केन्द्र सरकार के नए कृषि कानूनों से छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों की रक्षा हरहाल में की जाएगी
  • गरीबों, श्रमिकों और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए बनेगा नया कानून
  • पांच सदस्यीय मंत्रियों की हाई पावर कमेटी की बैठक सम्पन्न

रायपुर, 12 अक्टूबर 2020/ केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि सुधार और श्रम कानूनों पर आज कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय हाईपावर कमेटी की बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में केन्द्र सरकार के द्वारा लाए गए कानूनों से छत्तीसगढ़ के किसानों गरीबों, मजदूरों और उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले प्रभावों और हितों की रक्षा कैैसे की जा सकती है। इस संबंध में गहन विचार-विमर्श हुआ।
हाईपावर कमेटी में केन्द्र सरकार के द्वारा लाए गए नए कानूनों से छत्तीसगढ़ के लोगों के हितों की रक्षा के लिए विधानसभा के माध्यम से कानून बनाने पर भी प्रारंभिक चर्चा हुई। कृषि मंत्री ने कहा कि संविधान में कृषि राज्य सरकार का विषय है। इस पर कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकार का है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में किसानों के हितों की रक्षा के लिए राज्य सरकार निरंतर कदम उठा रही है। किसानों के हितों की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी। श्री चौबे ने कहा कि केन्द्र के कृषि कानून से यदि प्रदेश की धान खरीदी व्यवस्था प्रभावित होती है तो नया कानून बनाकर किसानों के धान खरीदने की व्यवस्था की जाएगी। बैठक में विधि एवं परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन और श्रम मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम साय सिंह टेकाम, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री अमरजीत भगत सहित संबंधित विभागों के सचिव भी शामिल हुए।
हाई पावर कमेटी के सदस्यों ने विचार विमर्श में कहा कि केन्द्र सरकार के नए कानूनों से कृषि व्यवस्था में पंूजीपतियों का नियंत्रण बढ़ने के साथ ही महंगाई बढ जाएगी। समर्थन मूल्य में धान खरीदी और सार्वभौम पीडीएस प्रणाली में एक रूपए में गरीबों को चांवल वितरण भी प्रभावित होगा। किसानों की स्थिति अपने खेत में ही मजदूरों जैसी हो जाएगी इसलिए इन कानूनों से किसानों, उपभोक्ताओं और मजदूरों के शोषण से बचाने की जरूरत है। बैठक में इस बात पर भी सहमति व्यक्त की गई कि छत्तीसगढ़ के हितों की रक्षा के लिए संविधान के दायरे में रहकर विधि सम्मत कानून बनाया जाए, इसके लिए विधान सभा का विशेष सत्र आहूत की जाए।
बैठक में केन्द्र सरकार के नए कानूनों से प्रदेश के किसानों, मजदूरों और गरीबों पर पड़ने वाले प्रभावों की चर्चा हुई। चर्चा में कृषि सेक्टर में बड़ी कम्पनियों और कार्पोरेट जगत के लोगों की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ के किसानों विशेष कर छोटे और मध्यम किसानों के हितों की रक्षा कैसे की जाए। इनके हितों की रक्षा के लिए छत्तीसगढ में कानून बनाए जाने की स्थिति में क्या-क्या प्रावधान रखा जाए। किसानों को अपना माल देश भर में बेचने का अनुभव नहीं है। ऐसी स्थिति में ट्रेडिंग कैसे कर पाएंगे, उनके हितों की रक्षा कैसे हो पाएगी। हाईपावर कमेटी में इस पर जोर दिया कि प्रदेश के किसानों को उनकी उपज के क्रय-विक्रय में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए। उन्हें उपज का वाजिब मूल्य मिलना चाहिए। बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत व्यापारियों को भण्डारण की क्षमता असीमित किए जाने से गरीब उपभोक्ताओं पर पड़ने वाले विपरीत प्रभावों की भी चर्चा हुई। कमेटी के सदस्यों ने उपभोक्ताओं को सुगमता पूर्वक और सही कीमत पर आवश्यक वस्तु उपलब्ध हो, इस पर बल दिया।
बैठक में कांट्रेक्ट फार्मिंग से जमीन का भौतिक स्वरूप नहीं बदले, भूजल और बिजली का उपयोग किस तरह से हो। व्यापारियों पर राज्य शासन का किस प्रकार नियंत्रण हो। कांट्रेक्ट फार्मिंग के लिए एक साथ कितनी जमीन लिया जाना चाहिए। शेड्यूल एरिया में इनके लिए क्या प्रावधान हो सकते है, आदि के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। इसी प्रकार कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग से छोटे-छोटे किसानों और कम्पनियों के मध्य कोई विवाद होने पर किसानों को किस प्रकार मदद की जाए। बड़ी कम्पनियों और ट्रेडर्स से किस फार्मेट में जानकारी ली जाए। इलेक्ट्रानिक ट्रेडिंग का स्वरूप किस प्रकार होगा। मण्डी अधिनियम के तहत किन-किन नियमों का प्रावधान कर किसानों के हितों की रक्षा की जाए तथा बिचौलियों से किस तरह किसानों को गुमराह होने से बचाया जा सकता है, इस सभी विषयों पर कमेटी के सदस्यों ने सुझाव दिए।
हाई पावर कमेटी की बैठक में केन्द्र सरकार के श्रम कानून में बदलाव के संबंध में भी विचार-विमर्श किया गया। कारखाना मालिकों, संस्थाओं द्वारा श्रमिकों के हित में क्या-क्या कार्य किया जाना चाहिए सहित विभिन्न मुद्दो पर चर्चा की गई। इस मौके पर कृषि सचिव डॉ.एम. गीता, खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, सहकारिता सचिव श्री आर प्रसन्ना, सचिव श्रम श्री अन्बलगन पी., विधि विभाग के प्रमुख सचिव श्री एन.के.चंद्रवंशी और श्रमायुक्त श्री एल.एक्स मेनन, प्रबंध संचालक मण्डी बोर्ड श्री हिमशिखर गुप्ता सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *