जयपुर/राजस्थान। जिले में पशु कल्याण के क्षेत्र में कार्यरत वल्र्ड संगठन, एनिमल वैल्फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, जयपुर जिला पशु क्रूरता निवारण समिति तथा पशुपालन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 14 से 31जनवरी तक ‘‘पशु कल्याण पखवाड़े’’ का आयोजन किया जा रहा है जिसमऌ एनिमल वैल्फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, भारत सरकार के राजस्थान स्टेट एनिमल वेल्फेयर ऑफिसर मनीष सक्सेना तथा पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॅा. प्रवीण कुमार सेन ने बतलाया कि पशु कल्याण पखवाड़े में पशुओं पर नियम से अधिक भार ढोने तथा वाहनों में ठूँसकर या लटकाकर ले जाने वालों के खिलाफ ‘पशु मुक्ति अभियान’ चलाया जा रहा है।
एनिमल वैल्फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, भारत सरकार के राजस्थान स्टेट एनिमल वेल्फेयर ऑफिसर मनीष सक्सेना ने बतलाया कि पशु मालिक अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से पशुओं पर क्षमता से अधिक बोझ ढोते हैं या छोटे से वाहन में उन्हें ठूंस कर या लटकाकर परिवहन करते हैं जिसके कारण पशुओं को अत्याधिक कष्ट उठाना पड़ता है और उनकी मृत्यु भी हो जाती है। ‘वल्र्ड’ संगठन ऐसे पशु मालिकों के विरूद्ध ‘पशु मुक्ति अभियान’ चलायेगा जिसके तहत उनके विरूद्ध पुलिस प्रशासन के सहयोग से ‘‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम-1960’’ के तहत कार्यवाही की जायेगी। अधिनियम में धारा 11 के तहत दुपहिया गाड़ी में छोटे बैल पर 500, मध्यम आकार के बैल पर 700 तथा बड़े बैल पर 900 किलोग्राम तक का वजन ढो सकते हैं। घोड़े पर 375 तथा ऊंट पर 1000 किलोग्राम तक का वजन ढोया जा सकता है। वहीं गधे पर 35 किलोग्राम तथा खच्चर पर 75 किलोग्राम तक का वजन ढोया जा सकता है।
इस अवसर पर ‘वल्र्ड’ संगठन की उपनिदेशक एवं जिला पशु क्रूरता निवारण समिति की सदस्य नम्रता ने बतलाया कि अधिक बोझ ढोना ‘पशु क्रूरता निवारण अधिनियम-1960’’ के तहत अपराध की श्रेणी में आता है जो कि दण्डनीय अपराध है। साथ ही तांगे में चालक तथा 4 सवारियों सहित कुल वजन 325 किलोग्राम से अधिक नहीं होना चाहिए, वजन अधिक होने पर चालक के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक, पॉली क्लिनिक डॅा. जितेन्द्र राजोरीया ने बतलाया कि वल्र्ड संगठन, एनिमल वैल्फेयर बोर्ड ऑफ इंडिया, जयपुर जिला पशु क्रूरता निवारण समिति तथा पशुपालन विभाग के सहयोग से आयोजित विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से असहाय व मूक-निरीह पशु पक्षियों के रक्षा एवं घायल पशु-पक्षियों को चिकित्सा में सहयोग हेतु पशु कल्याण जागरूकता बढ़ाई जायेगी।