26 सितम्बर 2022 | चीन में सैन्य तख्ता पलट और राष्ट्रपति शी जिनपिंग को नजरबंद किए जाने की अफवाहों के बीच चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) अगले माह 20 वीं राष्ट्रीय कांग्रेस का आयोजन कर रही है। 16 अक्टूबर से शुरू होने वाला यह कार्यक्रम एक सप्ताह तक चलेगा। कांग्रेस के आयोजन से साफ है कि इस मौके पर शी जिनपिंग सत्ता में अपने कार्यकाल को और पांच साल तक बढ़ाएंगे, क्योंकि सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) अपनी सभी महत्वपूर्ण 20 वीं पार्टी कांग्रेस का आयोजन करती है।
चीन की सरकारी मीडिया ने पार्टी के एक बयान का हवाला देते हुए बताया कि 16 अक्टूबर को होने वाली सीपीसी की आगामी 20वीं राष्ट्रीय कांग्रेस में भाग लेने के लिए कुल 2,296 प्रतिनिधियों को निर्वाचित किया गया था। जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल के लिए निर्वाचित होने को लेकर सत्तारूढ़ दल के भीतर तनाव की अफवाहों और अटकलों को खारिज करते हुए, बयान में कहा गया है कि इन प्रतिनिधियों को समाजवाद पर शी जिनपिंग थॉट के मार्गदर्शन में चुना गया था। गौरतलब है कि शी जिनपिंग खुद इस साल अप्रैल में कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित हुए थे।
हर पांच साल में होता है कांग्रेस का आयोजन
सीपीसी हर पांच साल में एक कांग्रेस का आयोजन करती है। अटकलें है कि चीन में वाली कांग्रेस इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में नेतृत्व परिवर्तन होगा। वहीं, यह भी सामने आ रहा है कि शी जिनपिंग एक बार फिर अपने कार्यकाल का विस्तार करेंगे। पार्टी, सेना और प्रेसीडेंसी के प्रमुख शी जिनपिंग इस साल अपना 10 साल का कार्यकाल पूरा कर रहे हैं।
जिनपिंग ने सत्ता पर पकड़ मजबूत की
2012 के अंत में एक समान सीपीसी कांग्रेस में अपने पहले चुनाव के बाद से शी जिनपिंग ने पार्टी का नेतृत्व किया है। पार्टी प्रमुख, शक्तिशाली सेनाध्यक्ष और राष्ट्रपति पद संभालने के साथ ही शी जिनपिंग ने सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत की है। उनकी मौजूदगी ने कई मुद्दों पर देश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों के बीच पार्टी और देश की स्थिरता को मजबूत करने के लिए मजबूत नेतृत्व के महत्व को भी सामने रखा।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई
उनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई जैसे अत्यधिक सफल अभियानों के साथ एक लाख से अधिक अधिकारियों को दंडित करना जैसे कार्यक्रम चलाए गए जिसमें सेना के 50 से अधिक शीर्ष जनरल भी शामिल हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के साथ हांगकांग में बड़े पैमाने पर चीन विरोधी आंदोलन से निपटना और इससे उत्पन्न अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से सामना करना भी अहम रहा। वुहान से कोरोना वायरस महामारी उभरने के बीच जिनपिंग हर साल मजबूत होकर उभरे हैं।
सोर्स :-“अमर उजाला”