• April 24, 2024 5:18 pm

पंजाब के 16 जिलों में येलो अलर्ट, बिजली चमकेगी… बरसेंगे बदरा

24  सितम्बर 2022 | मौसम विभाग ने अगले दो दिन पंजाब के 16 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इन स्थानों पर बिजली चमकने के साथ तेज हवाएं चलेंगी और साथ ही हल्की बारिश भी जारी रहेगी। मौसम विभाग चंडीगढ़ के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि इन जिलों में माझा के पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर, तरनतारन, दोआबा के होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला व जालंधर, मालवा के लुधियाना, बरनाला, मानसा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, रूपनगर, पटियाला व एसएएस नगर शामिल हैं। वहीं पंजाब के बाकी इलाके सूखे रहेंगे।

उन्होंने बताया कि मानसून दोबारा से सक्रिय होने के चलते यह बारिश हो रही है। 26 सितंबर यानी रविवार के बाद मौसम साफ हो जाएगा। बारिश के चलते जो पारे में गिरावट आई है, उसमें दोबारा ज्यादा उछाल नहीं आएगा। एक दो डिग्री की बढ़ोतरी हो सकती है लेकिन अब पंजाब में मौसम ने करवट बदल ली है। रात के वक्त हल्की ठंडक बनी रहेगी।

मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक पंजाब में पिछले 24 घंटों के दौरान पटियाला में सबसे अधिक 17.2 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि लुधियाना में 1.0 मिलीमीटर और पठानकोट में कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई। गुरुवार के मुकाबले आज अधिकतम तापमान में 1.9 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। आज पंजाब में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान पठानकोट में 33 डिग्री दर्ज किया गया।

बिजली की मांग घटी, सरकारी थर्मल प्लांट बंद
पिछले दो दिनों से मौसम के बदले मिजाज के चलते बिजली की मांग में बड़ी कमी आई है। जहां पहले बिजली की मांग 14000 मेगावाट चल रही थी, वहीं अब यह कम होकर 8800 मेगावाट तक पहुंच गई है। पावरकॉम ने अपने दोनों थर्मलों रोपड़ व लहरा मुहब्बत के सभी आठ यूनिटों को बंद कर दिया है।

वहीं प्राइवेट थर्मल प्लांट राजपुरा, तलवंडी साबो और गोइंदवाल के सहारे और बाहर से बिजली लेकर इस मांग को पावरकॉम पूरा कर रहा है। शुक्रवार को पावरकॉम को प्राइवेट थर्मल से 2491 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई, जबकि हाइडल प्रोजेक्टों से 589 समेत अन्य स्रोतों से कुल 3200 मेगावाट बिजली मिली। जबकि बाकी की बिजली पावरकॉम ने बाहर से खरीदी।

बारिश से बढ़ेगी नमी, धान की फसल को फंगस का खतरा 
जिले के मुख्य खेतीबाड़ी अधिकारी हरिंदर सिंह के मुताबिक बारिश से धान की फसल में नमी बढने से फंगस लगने का खतरा रहता है। ऐसे में फसलों को बचाने के लिए किसानों को स्प्रे करने पड़ेंगे, जिससे उनका खर्चा बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर अगले दो-तीन तेज बारिश हुई तो धान के फसल के गिरने का भी खतरा है। इससे दाना झड़ जाएगा और किसानों को काफी नुकसान होगा।सोर्स :-“अमर उजाला”                                         

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