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पारंपरिक खेती से अलग अब स्ट्राबेरी उगा रहे युवा किसान

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Mar 11, 2021
पारंपरिक खेती से अलग अब स्ट्राबेरी उगा रहे युवा किसान

प्राइवेट नौकरी के साथ-साथ तीन दोस्तों ने 6 बीघा जमीन पर स्ट्राबेरी की खेती को करके अपनी आय को बढ़ाया। पारंपरिक फसलों में उर्वरक और कीटनाशक दवाइयों का अधिक प्रयोग होने और इनकी लागत बढ़ने से युवा किसान कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली खेती की ओर बढ़ रहे हैं। पढ़े लिखे युवा किसानों का पारंपरिक खेती से मन हट रहा है।

युवा किसान खेती के मामले में कम लागत में ज्यादा मुनाफा देने वाली खेती के लिए नए प्रयोगों से बिल्कुल भी नहीं घबरा रहा है। यह किसान गन्ना, गेहूं, धान, सरसों की क्षेत्रीय फसलों को छोड़कर चीकू, केला, गुलाब, गेंदा की जहां खेती कर रहा हैं। वहीं, अब तीन युवा दोस्तों ने स्ट्राबेरी की खेती कर किसानों को मुनाफा कमाने का नया जरिया बताया है। तिलहर की सिंह कालोनी मोहल्ला के अजय प्रताप सिंह प्राइवेट, अनोज सिंह व गु़रगवां कालोनी के सत्येंद्र सिंह संविदा की नौकरी कर रहे हैं। तीनों दोस्तों ने मिलकर नगर क्षेत्र में 1 एकड़ जमीन पर स्ट्राबेरी की खेती को तैयार किया।

अजय ने बताया कि एक एकड़ की खेती पर लगभग 3 लाख रुपये की लागत आती है। उन्होंने बताया कि किसानों को पारंपरिक फसलों से हटकर भी अन्य फसलें करनी, चाहिए जिससे कि कम लागत में उन्हें ज्यादा मुनाफा हो।

महाराष्ट्र से आता है स्ट्राबेरी का पौधा
स्ट्राबेरी किसान अनोज व सत्येंद्र ने बताया कि स्ट्राबेरी का पौधा महाराष्ट्र के पुणे के निकट महाबलेश्वर से मंगाया जाता है। एक पौधे की कीमत लगभग 10 रुपये पड़ती है और एक बीघा जमीन में लगभग 3000 पौधे लगते हैं।

ऐसे उगाई जाती है फसल
पौधों को लगाने के बाद इनकों मिट्टी से बचाने के लिए पन्नी की एक लेयर बिछाई जाती है। स्ट्राबेरी के पौधों की जड़ तो मिट्टी में रहती है, लेकिन पौधे का ऊपरी भाग पन्नी पर रहता है। किसान ने बताया कि स्ट्राबेरी का पौधा नाजुक होता है, यदि पन्नी नहीं लगाई गई तो मिट्टी लगने के कारण पौधा खराब हो जाता है।

सितंबर में लगाई जाती है स्ट्राबेरी की पौध
किसान ने बताया कि सितंबर महीने के अंतिम दिनों में स्ट्राबेरी की पौध को लगाया जाता है। स्ट्राबेरी का पौधा जनवरी में फसल देने के लिए तैयार हो जाता है। पौधे से जनवरी महीने से लेकर अप्रैल महीने तक स्ट्रॉबेरी फल टूटता है।

हृदय, त्वचा और पेट के लिए होती है स्ट्राबेरी लाभकारी
किसान ने बताया कि स्ट्राबेरी फल की मांग ज्यादा होने के कारण बिक्री बहुत आसानी से हो जाती है। स्ट्राबेरी का फ्लेवर कई दवाओं सहित आइसक्रीम, चॉकलेट, जैली, जैम आदि में पड़ता है। स्ट्राबेरी का फल हल्का खट्टा और हल्का मीठा होता है। यह दिखने में दिल के आकार का होता है। स्ट्राबेरी में कई सारे विटामिन और लवण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक होते हैं। उन्होंने बताया कि इसमें काफी मात्रा में विटामिन सी, विटामिन ए और के एवं हाई फाइबर पाया जाता है जो रूप निखारने, आंखों की रोशनी की चमक, दांतों की चमक बढ़ाने, हृदय एवं पेट के लिए लाभकारी होता है। इसके साथ ही इसमें कैल्शियम मैग्नीशियम फोलिक एसिड फास्फोरस पोटेशियम होता है।

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