• June 22, 2024 2:07 am

दिमाग खाने वाले अमीबा ने ली बच्ची की जान, जानिए Naegleria fowleri की कुंडली

Primary amebic meningoencephalitis (PAM) एक दुर्लभ तरह का दिमागी संक्रमण है जो Naegleria fowleri से होता है. Naegleria fowleri मुक्त अवस्था में पाया जाने वाला, एक कोशिकीय जीव है. यह पूरी दुनिया में गर्म ताजे पानी और मिट्टी में पाया जाता है. नाक के जरिए शरीर में दाखिल होकर यह लोगों को संक्रमित करता है. Naegleria fowleri अमीबा झीलों और नदियों, स्विमिंग पूल, स्पलैश पैड, सर्फ पार्क जैसी जगहों पर मिल सकता है. खराब मेंटेनेंस वाली जगहों पर ऐसे अमीबा मिलने की संभावना ज्यादा होती है.

Naegleria fowleri नाक के जरिए शरीर में घुसता है, आमतौर पर तैराकी के समय. फिर यह दिमाग में पहुंचता है और टिश्‍यू को नष्‍ट करना शुरू कर देता है. यह अमीबा दिमाग में सूजन पैदा करता है. कोझिकोड (केरल) वाले केस में, यह कहा जा रहा है कि बच्ची एक लोकल नदी में नहाते समय संक्रमित हुई. 1 मई को उसके चार और बच्चों ने भी नदी में स्नान किया था लेकिन सिर्फ इसी में लक्षण दिखे. बाकी बच्चों के टेस्ट नेगेटिव रहे. Naegleria fowleri का संक्रमण पीने के पाने से नहीं होता. यह एक इंसान से दूसरे में भी नहीं फैलता.

शुरुआती स्टेज में सिरदर्द, बुखार, मतली और उल्टी जैसे लक्षण दिखते हैं. बाद में मरीज की गर्दन में अकड़न हो सकती है. भ्रम, सीजर्स या हैलुसिनेशंस भी हो सकते हैं. मरीज कोमा की स्थिति में भी जा सकता है. अमेरिकी CDC के मुताबिक, ‘PAM से पीड़ित अधिकतर लोग लक्षणों की शुरुआत के 1 से 18 दिनों के भीतर मर जाते हैं. आमतौर पर 5 दिन बाद मरीज कोमा में चला जाता है या उसकी मौत हो जाती है.

देश में अभी तक PAM के 20 मामले रिपोर्ट हुए हैं. कोझिकोड वाला केस केरल से सामने आया सातवां मामला है. पिछले साल जुलाई में आलप्पुझा के एक 15 वर्षीय किशोर की PAM से मौत हो गई थी. केरल में PAM का पहला केस 2016 में आलप्पुझा से आया था. उसके बाद मलप्पुरम, कोझिकोड और त्रिसूर में मामले सामने आए.

 

 

 

 

source abp news

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