• July 2, 2024 6:27 pm

प्रदेश के आयुष्मान योजना क्लेम भुगतान के मॉडल को केंद्र ने अपनाया, बिल में गड़बड़ी पर पैनी निगाह

28 क्टूबर 2022 | केंद्र की आयुष्मान भारत और राज्य की अटल आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का इलाज करने की एवज में सूचीबद्ध अस्पतालों को क्लेम भुगतान के मॉडल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने अपनाया है। इलाज करने वाले निजी अस्पतालों के बिलों का प्रतिदिन ऑडिट किया जाता है। जिसके बाद एक सप्ताह के भीतर भुगतान किया जाता है। साथ ही बिलों में फर्जीवाड़ा करने वाले अस्पतालों पर भी सरकार की पैनी निगाह है।

प्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत 5.91 लाख लाभार्थियों का पांच लाख तक मुफ्त इलाज किया गया, जबकि योजना में 48.76 लाख से अधिक लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बने हैं। सरकार की ओर से इलाज पर अब तक 1036 करोड़ की राशि खर्च की गई है। योजना में मुफ्त इलाज की सुविधा देने के लिए लगभग 230 अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इनमें 102 सरकारी अस्पताल शामिल हैं।

सूचीबद्ध अस्पतालों को भुगतान में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने क्लेम भुगतान के लिए सिस्टम बनाया हुआ है। अस्पतालों की ओर से लाभार्थी का इलाज करने के बाद ऑनलाइन क्लेम भेजे जाते हैं। उसी दिन प्राधिकरण की ओर से गठित कमेटी बिलों का आडिट करती है। जिसके बाद भुगतान किया जाता है।

यदि किसी बिल में गड़बड़ी पाई जाती है तो उसके क्लेम को रद्द किया जाता है। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया का कहना है कि आयुष्मान योजना में उत्तराखंड के क्लेम भुगतान सिस्टम को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने अपनाया है। राज्य के इस सिस्टम की केंद्र ने सराहा है। देश के अन्य राज्य भी इस सिस्टम के बारे में जानकारी ले रहे हैं।
सोर्स :-“अमर उजाला”                                         

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