• July 2, 2024 7:02 pm

पैर की जगह डॉक्टरों ने कर दी प्राइवेट पार्ट की सर्जरी, पैरेंट्स ने अस्पताल के खिलाफ दर्ज कराई FIR

ByADMIN

Jun 29, 2024

Private Part Surgery Instead Of Leg : सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्था का कैसा बोलबाला है, यह एक सरकारी सर्वे और महाराष्ट्र में हुई एक घटना से पता चलाता है। सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के 80 फीसदी सरकारी अस्पतालों में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। वहीं महाराष्ट्र के थाणे जिले के एक सरकारी अस्पताल में एक बच्चे के प्राइवेट पार्ट की सर्जरी कर दी गई, जबकि उसके पैर की सर्जरी होनी थी।

Private Part Surgery Instead Of Leg : सरकार अस्पतालों की स्थिति की पोल एक सरकारी रिपोर्ट ने खाेल दी है। सुविधाओं का अभाव किस कदर है, इसका उदाहरण महाराष्ट्र के एक सरकारी अस्पताल में देखने को मिला है। यहां 9 साल के एक बच्चे के प्राइवेट पार्ट की सर्जरी कर दी गई, जबकि उसे पैर की सर्जरी होनी थी। मामला सामने आने के बाद इस पर लीपापोती की कोशिश की गई, लेकिन बच्चे के पैरेंट्स ने अस्पताल के खिलाफ FIR दर्ज करा दी है।

पहले जानें अस्पतालों की स्थिति

सरकार की तरफ से किए गए एक सर्वे में सामने आया है कि देश के 80 फीसदी सरकारी अस्पतालों में इलाज की बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक अस्पतालों में इलाज करने वाली मशीन, इलाज के लिए काम आने वाले यंत्र, नर्स, मैनपावर और दूसरी चीजों की भारी कमी है। सर्वे से मिली रिपोर्ट सरकारी संस्था नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के तहत आने वाले सरकारी अस्पतालों की हालत बताती है। बता दें कि NHM सरकार की एक अहम योजना है। इसके तहत देश भर के जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और आयुष्मान आरोग्य सेंटर्स आते हैं।

बच्चे के पैरेंट्स ने अस्पताल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है।

अब बात बच्चे की सर्जरी की

9 साल के इस बच्चे की सर्जरी महाराष्ट्र के थाणे जिले में आने वाले शाहपुर के एक सिविल अस्पताल में की गई। यह भी एक सरकारी अस्पताल है। इस मामले में अस्पताल ने बच्चे के पैरेंट्स की शिकायत पर एक जांच कमेटी बनाई है। वहीं डॉक्टरों का कहना है कि उनसे जो भी हुआ, वह एक कंफ्यूजन की वजह से हुआ।

यह है मामला

बच्चे के पैरेंट्स ने बताया कि उनका बेटा पिछले महीने अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था। खेल-खेल में उसके पैर में चोट लग गई थी और एक कट लग गया था। इस कट के पास इन्फेक्शन हो गया। ऐसे में उसे अस्पताल ले जाया गया। बच्चे को 15 जून को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पैरेंट्स ने बताया कि स्वप्निल नाम के डॉक्टर ने बच्चे का ऑपरेशन किया था।

जब बच्चे को ऑपरेशन थिएटर से लाया गया तो बच्चे ने बताया कि डॉक्टरों ने उसके पैर की जगह प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन कर दिया है। जब डॉक्टरों को इस बारे में बताया गया तो वे बच्चे को फिर से ऑपरेशन थिएटर में ले गए और उसके पैर का ऑपरेशन किया। जब पैरेंट्स ने डॉक्टरों से ऑपरेशन के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सब कुछ सही हो जाएगा।

दर्ज कराई शिकायत

पैरेंट्स ने बच्चे को घर ले जाने से मना कर दिया और मांग की कि डॉक्टर इस बात को लिखित में दें कि बच्चे को कुछ नहीं होगा। हंगामा बढ़ने के बाद अस्पताल के हेल्थ ऑफिसर गजेंद्र पवार ने कहा कि बच्चे के पैर में इन्फेक्शन के अलावा प्राइवेट पार्ट में फिमोसिस की भी समस्या थी। यही कारण उसके प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन किया गया। वहीं डॉक्टरों का कहना था कि उस समय अस्पताल में बच्चे की उम्र के तीन और मरीज थे। इस कारण कुछ कंफ्यूजन बना।

SOURCE – NEWS 24

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *