28 जनवरी 2022 | कोर्ट के आदेश के बाद बिहार शिक्षा विभाग के जनशिक्षा निदेशालय ने अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशकों को जल्द नौकरी देने की प्रकिया शुरू करने का फैसला किया है. जैसे-जैसे जिले और प्रखंड़ विभागों को खाली पदों की जानकारी दे रहे है वैसे-वैसे ही लोगों की नियुक्तियां की जा रही हैं.
बिहार में अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशकों को जल्द मिलेगी नौकरियां.( सांकेतिक फोटो )
पटना. बिहार में नौकरी की तलाश कर रहे शिक्षा अनुदेशकों की लिए अच्छी खबर है. करीब दो दशक पहले अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशकों के पद से हटाए गए लोगों को समूह ‘घ’ के पद पर नियुक्त करने के सुप्रीम कोर्ट फैसलों को शिक्षा विभाग ने गंभीरता से लिया है. कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए जनशिक्षा निदेशालय ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार, पिछले दो तीन साल में बड़ी संख्या में ऐसे पूर्व अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशक सेवा में रखे गये हैं, जिन्हें पहले हटा दिया गया था.
शिक्षा विभाग का कहना है कि जैसे-जैसे जिले, प्रमंडल और सरकार के विभागों से रिक्तियां आ रही हैं. ऐसे-ऐसे समायोजन का इंतजार कर रहे लोगों को नौकरियों पर रखा जा रहा है. इसी क्रम में जनशिक्षा निदेशक सतीश चन्द्र झा ने आधा दर्जन आरक्षित कोटे के पूर्व अनुदेशकों को गया प्रमंडल में समायोजित करने का आदेश जारी किया है. यह आदेश गया प्रमंडल के आरडीडीई को दिया गया है.
शिक्षा विभाग ने निदेशक ने जिन लोगों को शीघ्र नियुक्ति-पत्र देने का निर्देश दिया है उनमें बीसी-1 कोटि के सीताराम साह व भुटाय साह जबकि बीसी-2 श्रेणी के छोटन प्रसाद यादव, यदुनंदन दास वर्मा, दूलो महतो और रामटहल यादव शामिल हैं. जानकारी के अनुसार छह को मगध प्रमंडल में समूह घ के पद पर पुनर्बहाली होगी. बता दें कि अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशकों के समायोजन को लेकर त्रिस्तरीय कमिटी गठित होने के बाबजूद कोई निर्णय नहीं होने पर अनौपचारिक शिक्षा अनुदेशक संघ ने रोष व्यक्त किया था.
Source;-“हिंदुस्तान”