• July 3, 2024 4:20 am

छत्तीसगढ़ में चुनावी वर्ष में नक्‍सली हो जाते हैं आक्रामक, झीरम कांड भी चुनाव से पहले हुआ था

26 अप्रैल 2023 |  बस्तर में चुनावी वर्ष का इतिहास रक्तरंजित रहा है। बुधवार को नक्सलियों ने दंतेवाड़ा में सुरक्षाबलों के वाहन को निशाना बनाकर आइइडी धमाका किया, जिसमें 11 जवानों का बलिदान हो गया। मार्च से लेकर मई तक गर्मियों के मौसम में जंगल में दृश्यता बढ़ जाती है और नक्सली टीसीओसी चलाकर बड़े हमले करते हैं। मंगलवार को बीजापुर जिले के गंगालूर में जयभारत सत्याग्रह अभियान में नुक्कड़ सभा से लौटते समय नक्सलियों ने बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी के काफिले की वाहन को निशाना बनाकर गोलीबारी की। इस समय नक्सली निशाने पर राजनीतिक दल के नेता हैं।

इस हमले के कुछ देर पहले ही बीजापुर विधायक की गाड़ी वहां से निकली थी, पर काफिले में पीछे आ रही नेलसनार जिला पंचायत सदस्य पार्वती कश्यप की वाहन के पहिए पर गोली लगी। समय के कुछ अंतराल से बड़ा हादसा टल गया और कोई जनहानि नहीं हुई।
सिलसिलेवार तरीके से तीन भाजपा नेताओं की हत्या
इसी वर्ष फरवरी माह में नक्सलियों ने सिलसिलेवार तरीके से तीन भाजपा नेताओं की हत्या की थी। पांच फरवरी को बीजापुर बीजेपी मंडल अध्यक्ष नीलकंठ कक्केम, 10 फरवरी को नारायणपुर बीजेपी उपाध्यक्ष सागर साहू और 11 फरवरी को इंद्रावती नदी के पार दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले की सरहद पर बीजेपी नेता रामधर अलामी की हत्या की गई।

इन हमलों के बाद भी पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले बस्तर में परिस्थितियां बदली हुई हैं। आइजीपी बस्तर सुंदरराज पी ने बताया कि इस तरह के हमले को रोकने सुरक्षा बल को अतिरिक्त सुरक्षा बरतने निर्देशित किया है। इसके लिए सूचना तंत्र को मजबूत किया गया है।

सोर्स :-“नईदुनिया”     

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