• June 29, 2024 1:34 am

हनुमानगढ़ में मिग-21 फाइटर जेट क्रैश; तीन महिलाओं की मौत, दोनों पायलट सुरक्षित

8 मई 2023 – राजस्थान के हनुमानगढ़ में सोमवार सुबह करीब 10:25 बजे भारतीय वायुसेना का मिग-21 फाइटर जेट विमान क्रैश हो गया। हादसे में तीन महिलाओं की मौत हो गई, जबकि एक पुरुष समेत तीन लोग घायल हैं। एक घायल गंभीर बताया जा रहा है। फाइटर जेट के पायलट राहुल अरोड़ा (25 वर्ष) और को-पायलट सुरक्षित हैं।

जानकारी के अनुसार हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा के गांव बहलोल नगर के पास भारतीय वायुसेना का फाइटर जेट विमान दुर्घटनाग्रस्त होकर एक घर पर गिर गया। हादसे के दौरान पायलट और को-पायलट ने पैराशूट के जरिए कूदकर अपनी जान बचा ली। लेकिन मकान पर विमान गिरने से आसपास के लोग इसकी चपेट में आ गए। अब तक हादसे में तीन महिलाओं की मौत की खबर सामने आई है। मृतक महिलाओं के नाम बंसो, बंतो और लीलादेवी हैं। हनुमानगढ़ सदर थाना इंचार्ज एसएचओ लखबीर सिंह ने तीन मौतों की पुष्टि की है। हादसे में एक पुरुष समेत तीन लोग घायल हैं।

लोगों ने की पायलट की मदद
हादसे के बाद घटनास्थल पर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। पीलीबंगा पुलिस और सेना का हेलिकॉप्टर मदद के लिए मौके पर पहुंचा। हादसे के बाद गांव के लोग तत्काल घटनास्थल की तरफ भागे और पैराशूट की सहायता से उतरे पायलट की मदद की। लोगों ने पायलट को छांव में लिटाया और उसे मालिश की। वहीं, कुछ लोगों ने जिस घर पर विमान गिरा उसमें लगी आग को बुझाया। हादसे की जानकारी मिलते ही फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस मौके पर पहुंची।

सांसद ने जताया हादसे पर दुख
सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौर ने हनुमानगढ़ मिग-21 क्रैश को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। राठौर ने कहा कि फाइटर पायलट को युद्ध की तैयारी के लिए विमान को अलग-अलग तरीके और कई प्रकार की ट्रेनिंग निरंतर करनी पड़ती है, जो कि आसान नहीं होता है। इस हादसे में जो जनहानि हुई है वह बहुत दुखद है।

स्थानीय पुलिस का कहना है कि पायलट को एयरलिफ्ट किया गया है। पायलट के लिए वायुसेना का एमआई 17 विमान भेजा गया है। मिग- 21 जिस घर की छत पर जाकर गिरा था, वहां तीन महिलाएं और एक आदमी मौजूद था। हादसे में तीन महिलाओं की मौत हो गई है। दो लोग गंभीर घायल हैं, जिन्हें अस्पताल भेजा गया है। हादसे में घायल एक महिला विमला उर्फ निक्की हनुमानगढ़ टाउन के सरकारी अस्पताल में भर्ती है, जहां उसका इलाज जारी है। ASI लालचंद ने फिलहाल महिला के ठीक होने की जानकारी दी है। वहीं, हादसे में घायल अन्य महिलाओं का इलाज पीलीबंगा और हनुमानगढ़ अस्पताल में जारी है।

पालयट की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा
हनुमानगढ़ में क्रैश हुए मिग-21 विमान को पायलट राहुल अरोड़ा उड़ा रहे थे। उनकी सूझबूझ के चलते बड़ा हादसा होने से टल गया। हादसे के वक्त वह किसी तरह विमान को घनी आबादी वाले इलाके से दूर लेकर पहुंचे, लेकिन जिस मकान पर विमान गिरा वह रिहायशी इलाके में सबसे आखिर में बना था। हादसे के प्रत्यक्षदर्शी हरीश और अन्य लोगों ने बताया कि भारतीय वायुसेना के पायलट द्वारा सूझबूझ से काम लेते हुए विमान को गांव के बाहर की तरफ लाया गया, घनी आबादी वाले इलाके में विमान के गिरने से और भी बड़ा हादसा हो सकता था। जिस घर पर विमान गिरा है, वहां बच्चे खेल रहे थे।

उड़ान भरने के 15 मिनट बाद विमान में आई थी खराबी
बताया जा रहा है कि फाइटर जेट ने सूरतगढ़ एयर बेस से उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के 15 मिनट बाद ही तकनीकि खराबी के चलते पायलट ने विमान पर से अपना नियंत्रण खो दिया था। हादसे से पहले दोनों पायलट ने खुद को विमान से इजेक्ट करके अलग कर लिया था। सूझबूझ के चलते विमान के पायटल और को-पायलट दोनों सुरक्षित बच गए। लेकिन विमान के एक रिहायशी इलाके में बने कच्चे मकान पर गिरने से इसकी चपेट में आने से ग्रामीण महिलाओं की मौत हो गई। हादसे में मृत एक महिला अपने पशुओं के लिए चारा लेने निकली थी और क्रैश मिग-21 की चपेट में आ गई।

राजस्थान में मिग-21 एयरक्राफ्ट क्रैश हादसे
राजस्थान में मिग-21 एयरक्राफ्ट क्रैश होने की पहली दुर्घटना 5 जनवरी 2021 को हुई थी। ये हादसा राजस्थान के सूरतगढ़ में हुआ था, जब मिग-21 बाइसन विमान गिर गया था। इसके बाद 28 जुलाई 2022 को मिग-21 एयरक्राफ्ट क्रैश हो गया है। इस हादसे में विमान में सवार दोनों पायलट विंग कमांडर शहीद हो गए थे। भरतपुर में 28 जनवरी 2023 को फिर से एक विमान हादसे का शिकार हुआ था।

मिग-21 को क्यों कहा जाता है ‘उड़ता ताबूत’
भारतीय वायुसेना के बेड़े में मिग-21 को 1960 में शामिल किया गया था। इस हादसे ने सोवियत मूल के मिग-21 विमानों पर फिर से बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। लगातार हादसों का शिकार होते भारतीय वायुसेना के इस विमान को अब ‘उड़ता ताबूत’ भी कहा जाने लगा है। 2022 तक मिग-21 विमान से करीब 200 से ज़्यादा हादसे हो चुके हैं। यह विमान लंबे समय से भारतीय वायुसेना का मुख्य आधार रहा है। लेकिन इसका हादसों का ट्रैक रिकॉर्ड सबसे ज़्यादा खराब है। मिग विमान दुर्घटनाओं में कई पायलट अपनी जान गंवा चुके हैं। मार्च 2022 में केंद्र के रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने राज्यसभा में जानकारी दी थी कि पिछले पांच वर्षों में तीन सेवाओं के विमान और हेलिकॉप्टरों की दुर्घटनाओं में 42 रक्षा कर्मियों की मौत हुई है। पिछले पांच साल में कुल 45 हवाई दुर्घटनाएं हुईं, इनमें से 29 में भारतीय वायुसेना के प्लेटफॉर्म शामिल रहे।

सोर्स :-“अमर उजाला 

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