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ममता की मूरत थीं PM मोदी की मां हीराबा, अपने बेटों की तरह अब्बास का भी किया था लालन-पालन

ByADMIN

Dec 30, 2022 ##Abbas, ##Heeraba, ##PM Modi

30 दिसंबर 2022 |  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मां हीराबा का शुक्रवार को निधन हो गया। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार थीं, जिस वजह से अहमदाबाद के एक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था, लेकिन 100 वर्ष की उम्र पार कर चुकी हीराबा आज सुबह अंतिम सांस ली। हीराबा सभी धर्मों को मानती थी और वह ममता की एक साक्षात उदाहरण थीं, यही वजह है कि उन्होंने अब्बास का लालन पालन अपने बेटों की तरह किया था। इसी साल 18 जून को उनका 100वां जन्मदिन था, जिस दौरान पीएम मोदी ने अपनी मां के लिए लेख लिखा था और उसमें उन्होंने अब्बास का जिक्र किया था, जिन्हें हीराबा ने अपने बेटे की तरह पाला था।

पीएम मोदी की मां हीराबा अपने पुत्र सोमभाई मोदी, नरेन्द्र मोदी, प्रहलाद मोदी, अम्रत मोदी व पंकज मोदी के साथ अब्‍बास का भी लालन-पालन किया। अब्‍बास के पिता का देहांत हो जाने पर हीराबा के पति दामोदरदास अब्‍बास को अपने घर ले आए थे, जिसके बाद से अब्बास का लालन-पालन पीएम मोदी और अन्य भाईयों की तरह हुआ। हीराबा के 100वें जनमदिन पर पीएम मोदी ने खुद ब्‍लॉग लिखकर इसकी जानकारी दी थी। अब्‍बास गुजरात सरकार के फूड एंड सप्‍लाई विभाग में काम करते थे, अब अपने पुत्र के साथ ऑस्‍ट्रेलिया में रहते हैं।

पीएम मोदी अपनी मां की उदारता और देखभाल करने वाले स्वभाव के बारे में लिखा था। पीएम मोदी ने लिखा था कि उनकी मां एक मुस्लिम लड़के ‘अब्बास’ को सभी बच्चों की तरह उसकी भी बहुत देखभाल किया करती थीं। पीएम मोदी ने कहा कि मां हीराबेन ने अब्बास को बेटे की तरह पाला था। पीएम मोदी ने लिखा था कि मां हमेशा ही दूसरों को देखकर खुश रहा करती हैं। पीएम ने कहा था कि हमारे घर से थोड़ी दूर पर एक गांव था, जहां मेरे पिताजी के बहुत करीबी दोस्त रहा करते थे। उनका एक बेटा था, जिसका नाम अब्बास था। पिता जी के दोस्त के देहांत के बाद उन्होंने अब्बास को घर ले आए थे।

पीएम मोदी ने लिखा था कि अब्बास ने हमारे घर में ही रहकर पढ़ाई लिखाई किया। मेरी मां हम सभी बच्चों की तरह अब्बास की भी बहुत देखभाल करती थीं। ईद पर मां अब्बास के लिए उसकी पसंद के व्यंजन बनाया करती थीं। अब्बास को मेरी मां के हाथ का बनाया खाना बहुत पसंद था। हमारे घर के आसपास जब भी कोई साधु-संत आते थे तो मां उन्हें घर बुलाकर भोजन अवश्य कराती थीं। जब वो जाने लगते, तो मां अपने लिए नहीं बल्कि हम भाई-बहनों के लिए आशीर्वाद मांगती थीं। उनसे कहती थीं कि मेरी संतानों को आशीर्वाद दीजिए कि वो दूसरों के सुख में सुख देखें और दूसरों के दुख से दुखी हों।

बता दें कि पीएम मोदी के बचपन के दोस्त अब्बास गुजरात सरकार में क्लास 2 कर्मचारी के तौर पर काम करते थे। वे फूड एंड सप्लाई विभाग में कार्ययरत थे। इस समय अब्बास ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में रहते हैं। अब्बास के दो बेटे हैं, छोटा बेटा ऑस्ट्रेलिया तो बड़ा बेटा गुजरात के कासीम्पा गांव में रहता है। फिलहाल अब्बास अपने छोटे बेटे के साथ रहते हैं।

सोर्स : – जागरण

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