• July 4, 2024 2:01 pm

रूस-यूक्रेन युद्ध ने रोकी कई प्रवासी परिंदों की बस्तर उड़ान, इस बार 40 प्रजातियों के पक्षी ही पहुंचे

09 फ़रवरी 2023 | रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण इस साल छत्तीसगढ़ के बस्तर में हजारों प्रवासी पक्षी नहीं पहुंचे। जो पक्षी आए, वे भी करीब महीनेभर देरी से पहुंचे। उनकी संख्या पिछले साल के मुकाबले कम रही। बस्तर इन ‘विदेशी मेहमानों’ का पसंदीदा स्थान रहा है। इस बार साइबेरिया समेत कई यूरोपीय देशों के पक्षियों की तादाद ज्यादा रही। पक्षी विशेषज्ञ इस बार पक्षियों की संख्या में कमी के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। हवाई हमलों ने उनको खासा नुकसान पहुंचाया। यही कारण है कि यहां के कई तालाब सूने रह गए। जो प्रवासी पक्षी नहीं दिखे, उनमें बार हेडेड गॉस, वॉइट हेडेड आरबिस, ग्रे प्लवर, यूरेशियन करल्यू आदि शामिल हैं।

इन देशों आते हैं मेहमान
सुदूर ठंडे देशों से भारत आने वाले पक्षी बस्तर के तालाबों या अन्य जलाशयों में डेरा डालते हैं। यूरोपीय देशों के अलावा अफ्रीका, पूर्वी एशिया, आर्कटिक क्षेत्र, रूस, मंगोलिया, कजाकिस्तान, उत्तरी अमरीका, ताजिकिस्तान, इंडोनेशिया, ईरान, चीन की कई प्रजातियों के पक्षी भी पहुंचते हैं।

पक्षी विशेषज्ञ और प्राणी विज्ञान के प्रोफेसर सुशील दत्ता के मुताबिक इस साल करीब 40 प्रजातियों के विदेशी पक्षी बस्तर पहुंचे। इनमें कई प्रजातियां सैकड़ों की संख्या में दिखाई दीं। इनमें ब्राउन हेडेड गल, ग्रे फ्लावर, बार हेडेड गोश, स्पॉट बिल्ड पेलिकन और आमूर फेल्कन प्रमुख हैं। भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार बस्तर में आम तौर पर हर साल 300 से अधिक प्रजातियों के पक्षी पहुंचते हैं।

सोर्स :- ” पत्रिका”                                 

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