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बोले- टेक्नोलॉजी से बड़ा बदलाव संभव; साइंस में महिलाओं की भागीदारी दोगुनी हुई

04  जनवरी 2023 |  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को 108वें इंडियन साइंस कांग्रेस का वर्चुअली उद्घाटन किया। इवेंट का फोकस महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ साइंस एंड टेक्नोलॉजी पर रहा। PM मोदी ने कहा कि अगले 25 सालों में भारत जिस ऊंचाई पर होगा, उसमें भारत की वैज्ञानिक शक्ति की भूमिका बहुत अहम होगी।

PM मोदी आगे बोले- टेक्नोलॉजी से बड़ा बदलाव संभव है। 2015 तक हम 130 देशों के ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 81वें स्थान पर थे, लेकिन 2022 में हम 40वें स्थान पर पहुंच गए हैं। स्टार्टअप में भारत टॉप-3 पर है। महिलाएं भी आगे आकर इसमें हिस्सा ले रही हैं। हर क्षेत्र की तरह साइंस में भी महिलाओं की भागीदारी दोगुनी हुई है।

कार्यक्रम का सब्जेक्ट- साइंस एंड टेक्नोलॉजी फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट विद वुमन एंपावरमेंट रखा गया। इसका आयोजन तुकोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी में हुआ। तुकोजी महाराज नागपुर यूनिवर्सिटी इस साल शताब्दी समारोह मना रही है। इस दौरान महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे।

PM मोदी बोले- देश ने 8 सालों में असाधारण काम किए
PM मोदी ने कहा कि बीते 8 सालों में गवर्नेंस से लेकर इकोनॉमी तक कई ऐसे असाधारण काम किए हैं, जिनकी आज चर्चा हो रही है। 8 सालों में एक्सट्रा मोरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट में महिलाओं की भागीदारी दोगुनी हुई है। महिलाओं की ये बढ़ती भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि समाज भी आगे बढ़ रहा है और साइंस भी आगे बढ़ रही है।

लैब से निकलकर जमीन तक पहुंचें कोशिश
प्रधानमंत्री ने आगे ने कहा कि साइंस की कोशिश बड़ी उपलब्धियों में तभी बदल सकते हैं, जब वो लैब से निकलकर लैंड तक पहुंचे। जब उसका इफेक्ट ग्लोबल से लेकर ग्रासरूट तक हो। जब उसका विस्तार जर्नल्स से लेकर जमीन तक हो। जब उससे बदलाव रिसर्च से होते हुए रियल लाइफ में दिखने लगे। PM ने कहा कि देश की साइंस भारत को आत्मनिर्भर बनाने वाली होनी चाहिए।

2 साल बाद हुआ आयोजन
यह कार्यक्रम दो साल बाद आयोजित किया गया। इससे पहले 2020 में बेंगलुरु में यह इवेंट किया गया था। कोविड-19 की वजह से इसे दो साल के लिए इसे टाल दिया गया था। ये पहला मौका है, जब PM मोदी व्यक्तिगत रूप से अलग-अलग क्षेत्रों के टॉप साइंटिस्टों के समागम में हिस्सा नहीं लिया। बता दें कि इंडियन साइंस कांग्रेस पहला सेशन 1914 में किया गया था। तब से यह हर साल आयोजित किया जाता है।

महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर चर्चा
मंगलवार को हुए इस इवेंट में भाग लेने वाले मेंबर एजुकेशन, रिसर्च और इंडस्ट्री में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर चर्चा हुई। साइंस कांग्रेस में शामिल होने वाले सदस्य साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के तरीकों के साथ ही एजुकेशन में उनके समान स्तर, रिसर्च के मौके और इकोनॉमिक पार्टनरशिप को बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा हुई।

सोर्स :- “दैनिक भास्कर”                      

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