• June 28, 2024 8:15 am

मलेरिया दिवस पर विशेष-घर-घर जाकर हुई मलेरिया की जांच, मलेरिया मुक्त बस्तर का मॉडल अब दूसरे राज्यों में भी होगा लागू

25-अप्रैल-2022 |  मलेरिया मुक्त बस्तर का मॉडल अब देश के अन्य राज्यों में लागू हो सकता है। हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने बस्तर संभाग के मलेरिया प्रभावित जिलों का दौरा किया। यहां चलाए जा रहे अभियान व रणनीति का बारीकी से अध्ययन किया। मॉडल के अच्छे पहलूओं से टीम प्रभावित रही।

इसे लेकर अब देश के दूसरे राज्यों के लिए भी मलेरिया मुक्त अभियान की रणनीति का मसौदा तैयार किया जा रहा है। माना जा रहा है कि बस्तर का यह मॉडल पूरे देश में जल्द लागू हो जाएगा। वैसे बस्तर का यह मॉडल छत्तीसगढ़ के बाकी जिलो में भी चरणबद्ध तरीकों से लागू किए जा रहे हैं। दरअसल, कोरोना काल में मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के तहत बस्तर संभाग के जिलों में आश्चर्यजनक गिरावट देखी गई है।

86 प्रतिशत पहले बस्तर से थे
राज्य में पहले मलेरिया के 86 प्रतिशत मामले अकेले बस्तर संभाग से ही निकलते थे। इसे देखते हुए मलेरिया मुक्त अभियान बस्तर से शुरू किया गया। इसके तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता, मितानिनों की टीमों ने घर-घर जाकर मलेरिया की जांच की। जिन लोगों ने मलेरिया की पुष्टि हुई उन्हें दवाई दी गई। मरीज ने दवा खाई या नहीं यह सुनिश्चित करने के लिए इस्तेमाल किए गए दवा के पैकेट भी देखे गए।

इन कारणों से मलेरिया में आई कमी

पहले पेसीव स्क्रीनिंग मॉडल पर काम होता था
पहले पेसीव स्क्रीनिंग मॉडल पर काम होता था, जिसमें मरीज पहचाने जाते थे, तब इलाज होता था।

  • इसमें मरीज को अस्पताल तक जाना होता था।
  • स्वास्थ्यकर्मी मरीज तक नहीं जाते थे।
  • इसके कारण मरीज कम डिटेक्ट हो पाते थे।
  • दवाइयां कम बंटती थी। टेस्ट कम हो पाते थे।

पहले एक्टिव स्क्रीनिंग मॉडल पर काम हो रहा है

  • इसमें घर-घर जाकर टेस्टिंग की जा रही है।
  • साल भर में दो अभियान चलते हैं।
  • हर महीने मॉनिटरिंग होती है।
  • दवाइयां बांटी जा रही है घर जाकर।
  • दवाई खाया या नहीं, ये चेक करने के लिए रैपर तक मंगाया जाता है।
  • 14 दिनों तक मरीजों की मॉनिटरिंग होती है।

इस अभियान का छठवां चरण मई में
नोडल राज्य मलेरिया विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि मलेरिया मुक्त अभियान का छठवां चरण मई में शुरू होगा। इस अभियान के पहले चरण की की शुरुआत जनवरी-फरवरी 2020 में हुई। दूसरा चरण जून-जुलाई 2020 में चला। तीसरा चरण दिसंबर 2020- जनवरी 2021 तक चला।

चौथा चरण जून-जुलाई 2021 में। अभियान का पांचवां चरण नवंबर-दिसंबर 2021 में हुआ। मलेरिया मुक्त अभियान में बस्तर संभाग के अलावा सरगुजा संभाग के कुछ ब्लाक, गरियाबंद, राजनांदगांव व कवर्धा के कुछ ब्लाक को शामिल किया गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने बस्तर का दौरा कर जानकारियां जुटा ली हैं। रणनीतिक तौर पर मलेरिया मुक्त अभियान के लिए इसे बेहतर माना गया है। ऐसी उम्मीद है कि हमारे मॉडल को अन्य राज्यों में भी लागू किया जा सकता है।

Source:-दैनिक भास्कर

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *