• July 2, 2024 11:25 pm

बिना हिचक डॉक्टर को बतानी चाहिए बीमारी, लोगों को करना होगा जागरूक

17  सितंबर 2022 | चिकित्सा त्रुटि के कारण मरीजों का न केवल उपचार प्रभावित होता है, बल्कि कई बार मरीज अपनी जान भी गवां देते हैं। इनके लिए मरीज के साथ कई बार स्वास्थ्य कर्मी भी दोषी होते हैं। शनिवार को विश्व रोगी सुरक्षा दिवस 2022 हैं। इस बार थीम के रूप में दवा सुरक्षा को चुना गया है। इसके उपलक्ष्य में दिल्ली के सभी बड़े अस्पतालों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।

यहां केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, निगम सहित निजी अस्पतालों में प्रति दिन एक लाख से अधिक मरीज उपचार करवाने पहुंचते हैं। इनमें से काफी लोग चिकित्सा त्रुटि का शिकार भी हो जाते हैं। डॉक्टरों की माने तो कई बार तकनीकी गलती के कारण मरीजों को ओवर डोज, गलत दवाई या अन्य परेशानी का शिकार होना पड़ता है। इसके अलावा कई बार मरीजों द्वारा दी गई गलत या अधूरी जानकारी के कारण भी नुकसान का कारण बनती है, इन सभी को रोका जा सकता है।

ध्यान रहे..

  • डॉक्टर को सलाह न दें, उनकी बताई दवा ही लें- दवा की मात्रा अपनी इच्छा से न बढ़ाए
  • प्रमाणित डॉक्टर की दवा का करें इस्तेमाल
  • दवां लेते समय उनकी गुणवत्ता की रखें ध्यान

लोगों को करना होगा जागरूक 
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीएल शेरवाल ने कहा कि चिकित्सा में त्रुटि को लोगों में जागरूकता से रोका जा सकता है। अस्पताल में इसे लेकर अभियान भी चलाया जा रहा है। इसमें मरीजों को बताया जा रहा है कि वह किस तरह से अपने स्तर पर इन गलतियों को होने से रोक सकते हैं।

डॉक्टरों की सलाह पर करें अमल
सफदरजंग अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर हिमांशु वर्मा ने बताया कि मरीजों को डॉक्टर को पूरी जानकारी देनी चाहिए। कई बार डायलिसिस करवाने आए मरीज जरूरी इंजेक्शन को लगवाने से दूरी बना लेते हैं जिससे नुकसान होता है। वहीं कई मरीज अन्य बीमारी से पीड़ित होते हैं लेकिन उसकी जानकारी नहीं देते, जो न केवल उनके लिए बल्कि उनके संपर्क में आने वालों के लिए घातक होता है। यदि मरीज पर्याप्त जानकारी व डॉक्टर की सलाह मानें तो चिकित्सा में त्रुटि को दूर किया जा सकता है।

चिकित्सा में त्रुटि के कारण ज्यादा मौतें 
कम्युनिटी मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर ने वैश्विक रिसर्च का दावा करते हुए कहा कि दुनियाभर में सबसे ज्यादा मौत चिकित्सा में त्रुटि के कारण होती है, इन्हें रोका जा सकता है। यदि मरीज अपने उपचार करे लेकर जागरूक रहता है तो इस समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है। वहीं डॉक्टरों को भी तकनीकी रूप से होने वाली गलती पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

चिकित्सा त्रुटि से होती है मौत 
ब्रिटिश मेडिकल जनरल में छवि रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर के अस्पताल में इलाज के दौरान होने वाली मौत से ज्यादा बचाई जा सकने वाले मरीज की मौत चिकित्सा त्रुटि के कारण हो जाती है। रिपोर्ट के अनुसार यह आंकड़ा काफी ज्यादा है।

Source:-“अमर उजाला”         

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